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Kurukshetra- ओबीसी के लिए मेडिकल शिक्षा में 27 फीसदी कोटा लागू होने से अन्य पिछड़ा वर्ग को होगा फायदा : नायब

कोटा लागू करने सांसद ने पीएम नरेन्द्र मोदी का आभार किया प्रकट, नई शिक्षा नीति के तहत भी सरकारी स्कूलों में होगी प्ले स्कूलों जैसी पढ़ाई..

Nayab Saini, Kurukshetra MP

कुरुक्षेत्र NEWS सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मेडिकल शिक्षा की सभी स्नातक और स्नातकोत्तर की सीटों पर नामांकन के लिए केंद्रीय कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने का फैसला किया है, इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए भी 10 फीसदी सीटें आरक्षित की गई है। जिसका लाभ देश के 5550 विधार्थियों को होगा। यह आरक्षण इसी शिक्षण सत्र से लागू हो जाएगा। ओबीसी के लिए इस आरक्षण को लागू करने पर सांसद नायब सिंह सैनी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया है।

सांसद नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को बातचीत करते हुए कहा कि केन्द्र की नई शिक्षा नीति को एक साल पूरा हो चुका है। इस नई शिक्षा नीति से जुड़ी 10 नई पहल की है। इनमें स्कूली बच्चों से जुड़ी पहल विद्या प्रवेश योजना भी है, इसके तहत सरकारी स्कूलों में भी अब प्ले स्कूलों जैसी पढ़ाई होगी यानी पहली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों को 3 महीने का एक खास कोर्स कराया जाएगा। बीते समय में शिक्षण-प्रशिक्षण हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है

उल्लेखनीय है कि बढ़ती जनसंख्या के दबाव को झेलने के लिए संस्थाओं की संख्या जरूर बढ़ती गई और उसी अनुपात में शिक्षा के स्तर में गिरावट भी दर्ज हुई और गुणवत्ता का सवाल गौण होता गया। सरकारी तंत्र से अलग निजी शिक्षा संस्थान भी खड़े होते गए स्कूली शिक्षा में कान्वेंट और मिशनरी स्कूलों का एक अलग दर्जा अंग्रेजों के जमाने में ही बन गया था। उसी की तर्ज पर धनाढ्य वर्ग भी स्कूल चलाने में रुचि लेने लगा और अब उच्च शिक्षा में भी उसकी अच्छी दखल हो चुकी है। इन परिस्थितियों में शिक्षा को मूल अधिकार बनाने का स्वप्न कमजोर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी और शिक्षा के प्रति सरकारों के अल्पकालिक और चलाऊ रवैया के कारण शिक्षा संस्थान में अकादमिक संस्कृति प्रदूषित होती जा रही है। शैक्षिक परिसर राजनीति मुक्त और स्वाधीन होने चाहिए ताकि वे उत्कृष्टता और गुणवत्ता की ओर उन्मुख हो सके। राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बड़े फैक्टरों में से एक है। यही वजह है कि इसे दबाव से मुक्त रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवा वर्ग की सोच के अनुरूप है। वे शिक्षा के पुराने बन्धनों और पिंजरों से मुक्त होना चाहते है। 

आज तक भारत के प्रतिभावान छात्र विदेशों में ही शिक्षा ग्रहण करने में दिलचस्पी रखते थे, परन्तु नई नीति में अब उनके लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था की गयी है। हालांकि नीति का सही परिणाम आने में समय लगेगा परन्तु आने वाले समय में हमारे पास प्रतिभाशाली लोगो की एक बड़ी फौज होगी, जो देश की उन्नति और विकास के लिए सकरात्मक सोच के साथ काम करेगी।

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