सरकार की घोषणा के बाद विभाग की यह कार्रवाई उचित नहीं है, जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) की तरफ से अवैध कालोनियों में किए जा रहे निर्माण को गिराया.
लोगों का कहना है कि सरकार की घोषणा के बाद विभाग की यह कार्रवाई उचित नहीं है। यह विभागीय अधिकारियों के तानाशाही रवैया का प्रमाण है। जिससे लोगों को परेशान करने का काम किया जा रहा है। विभाग की टीम ने पुलिस बल की मदद से रादौर में कुछ कालोनियों में क्लोनाईजरों द्वारा बनाई गई गलियों व लोगों द्वारा प्लाटों में डाली गई नीवों को भी जेसीबी की मदद से उखाड़ा। विभागीय कार्रवाई से जहां लोग सरकार की घोषणा को लेकर भी संशय में दिखाई दिएं वहीं क्लोनाईजरों में भी हडकंप मचा रहा। विभागीय कार्रवाई के लिए प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार कुवंरदीप सिंह को डयूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्ति किया गया था। जबकि नगर योजना कार विभाग की ओर से डीटीपी देशराज, एटीपी दिनेश सिंह व जेई मोहित मौके पर मौजूद रहे।
- लोगों ने पूछा सरकार बड़ी या अधिकारी, बिना नोटिस दिएं कर दी कार्रवाई
विभागीय कार्रवाई के बाद इन कालोनियों में अपना
आशियाना तलाश रहे जोगिंद्र, अमरजीत, सुरेश, बीर सिंह, जयपाल, धर्मबीर, विपिन इत्यादि ने बताया कि उन्होंने काफी मेहनत से पैसा जोड़कर
इन कालोनियों में प्लाट लिया था। जिसके बाद अपनी मेहनत की कमाई से ही अपने प्लाट
पर नींव व दीवारे खड़ी की थी। जिस पर उनका लाखों रूपएं खर्च हुएं थे। अभी हालहि
में जब सरकार ने प्रदेश की अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा की तो उन्हें
उम्मीद जगी कि अब जल्द ही उनका इन कालोनियों में आशियाना बनाने का सपना साकार हो
जाएंगा और वह किना किसी डर के यहां पर अपना मकान बना सकेगें। वहीं सरकार की ओर से
उन्हें सुविधाएं भी इन कालोनियों मेंं मिल सकेगी। लेकिन सरकार की घोषणा के बावजूद
विभागीय अधिकारियों को इन कालोनियों में कार्रवाई करने की सूझी और यहां बनाई गई
नींवों व दीवारों को तोड़ दिया गया। वह अधिकारियों से ऐसा न करने की गुहार लगाते
रहे लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। अधिकारियों का यह रवैया ठीक नहीं है।
क्योंकि सरकार लोगों की समस्या का समझ कर उन्हें सुविधाएं देने का प्रयास कर रही
है वहीं विभागीय अधिकारी सरकार की इस घोषणा को भी दरकिनार कर लोगों को परेशान करने
का काम कर रहे है। सरकार का निर्णय बड़ा है या फिर अधिकारी की मनमानी। यह उन्हें
समझ नहीं आ रहा है। जबकि उन्हें पहले कोई नोटिस नहीं दिएं गएं थे। सरकार की घोषणा
के बाद भी अधिकारियों को ऐसी कौन सी जल्दी थी कि उन्होंने जल्दबाजी में इस कार्रवाई
को अंजाम दिया।
- देशराज, जिला नगर योजनाकार अधिकारी