Haryana has completed the work of drone mapping of the Lal Dora villages and now the work of mapping of revenue estates (agricultural land) will be started by the Survey of India from August 31, 2021. A target has been set to complete it in the next six months.
This information was shared by the Additional Chief Secretary,
Revenue and Disaster Management Department, Haryana, Sanjeev Kaushal while
reviewing the SVAMITVA Scheme with the Deputy Commissioners of the District
through video conference here today. He said that the Government of India has
given approval to get the mapping of revenue estates (agricultural land) done
through Survey of India and the expenditure for this work will be borne by the
State Government.
यह जानकारी आज यहां हरियाणा के
वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल
ने जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित स्वामित्व योजना
की समीक्षा करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राजस्व
संपदा (कृषि भूमि )की मैपिंग का कार्य सर्वे ऑफ़ इंडिया के माध्यम से करवाने की
मंज़ूरी प्रदान की है तथा राज्य सरकार द्वारा इस कार्य के लिए आने वाले खर्च को वहन
किया जायेगा।
Kaushal informed that
to end the practice of Lal Dora - which has been prevalent in the State since
1908 during the British era - an exercise has been started in Haryana. He added
that under this, the mapping of Lal Dora of about 6,329 villages of 22
districts of the State has been completed till August 24, of which data
processing of 5,333 villages has been done by Survey of India.
कौशल ने बताया कि हरियाणा में ब्रिटिश
काल से वर्ष 1908 से चली आ रही लाल डोरा की प्रथा को खत्म करने की कवायद शुरू की गई
है और इसके तहत गत 24 अगस्त तक राज्य के 22 जिलों के लगभग 6329 गांवों के लाल डोरे
की मैपिंग का काम पूरा कर लिया गया है, जिसमें से 5333 गांवों का डाटा
प्रोसेसिंग सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जा चुका है।
Under the SVAMITVA
Scheme, 1,63,262 properties have been registered in 1990 villages and 1,59,041
property cards have been distributed in 1963 villages. Efforts are being madeto
expedite the registration process by conducting special campaigns and organizing
camps in villages. He informed that the total project outlay is of Rs 150
crore. He informed that the work of
registration and distribution of title deed is also involved in this and will
be completed by October 31, 2021.
स्वमित्व योजना के तहत 1990 गांवों में 1,63,262 संपत्तियों का पंजीकरण किया गया है और 1963 गांवों में 1,59,041 संपत्ति कार्ड वितरित किए गए हैं। गांवों में विशेष अभियान
चलाकर और शिविर लगाकर पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कुल परियोजना परिव्यय 150 करोड़ रुपये का है। उन्होंने बताया कि
टाइटल डीड का पंजीकरण और वितरण का कार्य भी इसमें शामिल है और 31 अक्टूबर, 2021 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
कौशल ने बताया कि लाल-डोरा मुक्त होने
से गांव की संपत्ति को विशेष पहचान मिलेगी तथा अचल संपत्ति पर बैंक द्वारा लोन भी
मंजूर किया जायेगा और ग्रामीणो को अपनी संपत्ति बेचने और खरीदने का मालिकाना हक भी
मिला है इससे स्वामित्व से संबंधित मामले भी नियंत्रित हुए हैं।
कौशल ने जिला उपायुक्तों से आग्रह
किया कि वे गॉवो में इस बात का प्रचार करवाएं कि स्वामित्व परियोजना के तहत
भू-स्वामियों की सम्पतियों का पंजीकरण मुफ्त में किया जा रहा है। अतः सभी
ग्रामवासी लाल डोरे के अंतर्गत आने वाली अपनी संपति का पंजीकरण तहसील/सब तहसील में
जाकर पंजीकरण करवाएं और सरकार द्वारा यह सुविधा मुफ्त में दी जा रही है इसका लाभ
उठायें।
यहां यह उल्लेखनीय है कि हरियाणा
में लाल डोरा हर गाँव में ऐसी भूमि है, जिसका उपयोग आमतौर पर बिना किसी
राजस्व रिकॉर्ड के आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। लाल डोरा शब्द का
प्रयोग पहली बार 1908 में एक गाँव की बस्ती (आबादी) भूमि को परिभाषित करने के लिए किया
गया था और इसका उपयोग केवल गैर कृषि उद्देश्यों के लिए किया गया था। लाल
डोरा को कृषि भूमि से अलग करने के लिए राजस्व विभाग ग्राम विस्तार भूमि के चारों
ओर लाल डोरा निश्चित करता था।
कौशल ने बताया कि लाल डोरा को भवन उपनियमों/निर्माण
कानूनों/अनुसूचित क्षेत्रों आदि से छूट दी गई थी, जिसके कारण इन संपत्तियों का विकास
हुआ। पहले लाल डोरा में मकान या जमीन के लिए कोई रजिस्ट्री नहीं होती थी और इससे
परिवारों और समाजों में टकराव होता था। संपत्ति होने के बावजूद, संपत्ति के स्वामित्व
का कोई कागज नहीं था और ग्रामीणों द्वारा उपयोग की जाने वाली और पंचायत के
स्वामित्व वाली भूमि का कोई सही सीमांकन नहीं था। जिसके चलते गांवों में सार्वजनिक
स्थानों, खेल के मैदानों,
तालाबों, नालियों आदि पर
अतिक्रमण कर लिया गया था।
Kaushal informed that
MoU has been signed by the Revenue Department with Survey of India to get the
mapping done with drone technology, under which 44212 square kilometer area of
Haryana has been mapped. Also, Haryana is the first state in the country to use
rovers and CORS network to take drone images of Urban, Controlled Area and
populated area. He said that to expedite this work, Rs 90 lakh more has been
released for 10 new drones. It is also worth mentioning here that from January
26, 2020, the Haryana Government started making all the villages of the state
Lal Dora-free from Sirsi village of Karnal district in a phased manner, this
scheme was mentioned by Prime Minister Shri Narendra Modi on 24 April, 2020 in
his address to the nation on the occasion of Panchayati Raj Day, he announced
the launch of the SVAMITVA project as a nationwide scheme.
कौशल ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा
ड्रोन तकनीक से मैपिंग का कार्य करवाने के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत हरियाणा के 44212 वर्ग किलोमीटर
क्षेत्रफल का मानचित्रण किया गया है और हरियाणा, शहरी, नियंत्रित क्षेत्र और आबादी-देह क्षेत्र
की ड्रोन से चित्र लेकर रोवर्स और सीओआरएस नेटवर्क उपयोग करने वाला भारत का पहला
राज्य है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में तेजी लाने के लिए 10 नए ड्रोन के लिए 90 लाख रुपये और जारी
किए गये हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हरियाणा
सरकार द्वारा 26 जनवरी 2020 से करनाल जिले के सीरसी गांव से चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी
गांवों को लाल डोरा मुक्त बनाने की शुरू की गई, इस योजना का जिक्र प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने
संबोधन में स्वामित्व परियोजना को एक राष्ट्रव्यापी योजना के रूप में की आरंभ करने
की घोषणा की।
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