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Yamunanagar : मांगो को लेकर कर्मचारियों ने निकाली मोटर साइकिल रैली, SDM को सौंपा ज्ञापन

 शहर में निकाला रोष मार्च  

Report By : Rahul Sahajwani  

CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर :
नगर निगम कार्यालय गेट पर अखिल भारतीय किसान सभा के किसान नेता व सर्व कर्मचारी संघ सीआईटीयू, रिटायर्ड कर्मचारी संघ व अन्य संगठनों से संबंधित विभागों के कर्मचारियों व किसान नेताओं ने  इकट्ठे होकर केंद्र व हरियाणा सरकार के खिलाफ अपनी अपनी मोटरसाइकिलो पर झंडे लगाकर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए शहर में रोष मार्च निकाला। उसके बाद डीसी ऑफिस पहुंच कर वहाँ प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को अपनी संयुक्त माँगो का ज्ञापन दिया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एसकेएस जिला प्रधान महिपाल सौदे व किसान सभा के जिला प्रधान जरनैल सिंह सांगवान ने की व संचालन एसकेएस जिला सचिव गुलशन भारद्वाज ने किया। इस दौरान सभी कर्मचारियों व किसान नेताओ ने केंद्र की बीजेपी सरकार व हरियाणा की बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। मौके पर उपस्थित एसकेएस राज्य सह सचिव माँगे राम तिगरा, जोत सिंह रावत, विनोद त्यागी, पॉवर कॉर्पोरेशन के नेता विक्रम काम्बोज, सतीश जांगड़ा ने बताया कि वर्तमान में जब से केंद्र व हरियाणा में बीजेपी की सरकार आई है तभी से आम जनता का महंगाई व बेरोजगारी से जीना दूभर हो गया है। 

केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को राष्ट्रीय पाइपलाइन मुद्रीकरण योजना के जरिए आम जनता की मेहनत व टैक्स पेयर्स के पैसों से खड़े किए गए पब्लिक सेक्टर (रेल, सड़क, एयरपोर्ट, टेलीकॉम, बिजली, बंदरगाह, गैस पाइप लाइन, वेयरहाउस व खनिज इत्यादि ) को निजी हाथों में सौंपकर 6 लाख करोड़ रुपया जुटाने का लक्ष्य रखा है। इससे पहले भी सरकार द्वारा सार्वजनिक सेवाओं के विभागों का निजीकरण किया जा चुका है। सरकार का यह कदम जहां सार्वजनिक जनसेवाओं को खत्म करेगा, वहीं रोजगार के अवसर भी समाप्त होंगे। जन सेवाए आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाएगी।


वही किसान सभा के जिला प्रधान जरनैल सिंह सांगवान ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार किसानों की फसलों का लाभकारी समर्थन मूल्य न देकर मंडियों की वर्तमान हालात को सुधारने की बजाए मंडी खत्म करके किसानों को बर्बाद करके जमीन छीनना चाहती है। इसलिए किसान 10 महीने से लगातार दिल्ली के चारों तरफ काले कानून रद्द करवाने के लिए व एमएसपी पर सरकारी खरीद करने की गारंटी का कानून बनवाने के लिए बैठे हैं। लेकिन सरकार बात सुनने की बजाय आय दुगनी करने का ढोल पीट रही है, जोकि किसानों के साथ धोखा है। 

माँगे-

1. शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, जन स्वास्थ्य व परिवहन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।

2. तीनों असवैधानिक कृषि कानूनों व चारों लेबर कोड्स को रद्द किया जाए।

3. बिजली संशोधन बिल व ट्रांसपोर्ट रोड सेफ्टी बिल रद्द किए जाए।

4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द किया जाए।

5. हरियाणा में बनाया गया सम्पत्ति क्षति प्रतिपूर्ति बिल रद्द किया जाए ।

6. पीएफआरडीए को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए।

7. जन सेवाओं के महकमों का विस्तार कर नए पद सृजित लिए जाए। पहले से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के बाद नियमित भर्ती कर बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए ।

8. राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाईपलाईन नीति को रद्द किया जाए।

9.सभी सरकारी विभागों से निकाले गए कच्चे कर्मचारियों की नौकरी बहाल करो

10.अग्निशमन सेवा विभाग को वापिस निकाय विभाग में मर्ज करो

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