कुरूक्षेत्र सासंद नायब सैनी
नायब सैनी ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार किसानों की आय बढ़ाने का कार्य कर रही है। फसलों का समर्थन मूल्य के बढऩा किसानों के हित में यह सकारात्मक कदम है। प्रधानमंत्री किसानो के खर्च को भी कम करने का कार्य कर रहे है। जिसमें डीएपी का मूल्य कम करना एक प्रमुख उदाहरण है। वहीं किसानों को सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि दी जा रही है। जिसका लाभ छोटे किसानों को मिल रहा है। इस सम्मान निधि का उपयाग किसान अपने खर्च को कम करने में कर सकता है। सरकार ने अपने इस निर्णय से स्पष्ट कर दिया है कि समर्थन मूल्य प्रणाली यथावत जारी रहेगी व मंडी प्रणाली को भी इसी प्रकार कायम रखा जाएंगा। जिसमें किसी भी प्रकार की शंका की कोई गुजांईश नहीं है। इसलिए किसान साथी विपक्षी दलों के बहकावे में न आकर सरकार की नीतियों का लाभ उठाएं। इस अवसर पर पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज, पूर्व चेयरमैन डा. ऋषिपाल सैनी, पूर्व विधायक ईश्वर पलाका, मंडल अध्यक्ष हैप्पी खेड़ी, हरपाल मारूपुर, धनपत सैनी, सुरेंद्र चीमा, पृथ्वी सिंह भागूमाजरा, सुशील बत्तरा, जगदीश मेहता, चरण सिंह टोपरा, विनोद सिंगला, अशोक गुंबर, महेंद्र नागल, बक्शीश सैनी पूर्णगढ़, रवि मौदगिल, दीपक नागल इत्यादि उपस्थित थे।
- फसलों का MSP बढ़ा
- सीसीईए ने फसल वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 (जुलाई-जून) और 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 विपणन सत्रों के लिए छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है. इस फसल वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 𝟒𝟎 रुपये बढ़ाकर 𝟐,𝟎𝟏𝟓 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟎-𝟐𝟏 में 𝟏,𝟗𝟕𝟓 रुपये प्रति क्विंटल था.
- गेहूं की उत्पादन लागत 𝟏,𝟎𝟎𝟖 रुपये प्रति क्विंटल होने का अनुमान लगाया गया है. अधिकारी के अनुसार, सरकार ने रबी विपणन सत्र 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 के दौरान 𝟒.𝟑 करोड़ टन से अधिक की रिकॉर्ड गेहूं की खरीद की है. जौ का समर्थन मूल्य 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 के फसल वर्ष के लिए 𝟑𝟓 रुपये बढ़ाकर 𝟏,𝟔𝟑𝟓 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 𝟏,𝟔𝟎𝟎 रुपये प्रति क्विंटल था.
- दलहनों में, चने का एमएसपी पहले के 𝟓,𝟏𝟎𝟎 रुपये से 𝟏𝟑𝟎 रुपये बढ़ाकर 𝟓,𝟐𝟑𝟎 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि मसूर (मसूर) के लिए एमएसपी पहले के 𝟓,𝟏𝟎𝟎 रुपये से 𝟒𝟎𝟎 रुपये बढ़ाकर 𝟓,𝟓𝟎𝟎 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.
- तिलहन के मामले में सरकार ने फसल वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 के लिए सरसों के एमएसपी को 𝟒𝟎𝟎 रुपये बढ़ाकर 𝟓,𝟎𝟓𝟎 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले वर्ष में 𝟒,𝟔𝟓𝟎 रुपये प्रति क्विंटल था.
- सूरजमुखी का एमएसपी पहले के 𝟓,𝟑𝟐𝟕 रुपये प्रति क्विंटल से 𝟏𝟏𝟒 रुपये बढ़ाकर 𝟓,𝟒𝟒𝟏 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सरकार ने रबी विपणन सत्र 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके.
- सरकार ने कहा कि विपणन सत्र 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि, केंद्रीय बजट 𝟐𝟎𝟏𝟖-𝟏𝟗 की घोषणाओं के अनुरूप है, जिसमें उत्पादन की औसत लागत के कम से कम 𝟏.𝟓 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा की गई थी. इसका उद्देश्य किसानों के लिए उचित लाभ सुनश्चित करना है.
- बयान में कहा गया है, ‘किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं और सरसों (प्रत्येक में 𝟏𝟎𝟎 प्रतिशत) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, इसके बाद मसूर (𝟕𝟗 प्रतिशत), चना (𝟕𝟒 प्रतिशत), जौ (𝟔𝟎 प्रतिशत) और सूरजमुखी पर (𝟓𝟎 प्रतिशत) का स्थान आता है.
- सरकार ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तिलहन, दलहन और मोटे अनाज के पक्ष में एमएसपी को फिर से दुरुस्त करने के लिए ठोस प्रयास किए गए ताकि किसानों को इन फसलों के लिए खेती का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और साथ ही तथा मांग एवं आपूर्ति के असंतुलन को ठीक करने के लिए सर्वोत्तम तकनीकों और कृषि पद्धतियों को अपनाया जा सके.
- इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा हाल में घोषित खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) – जैसी एक केंद्रीय योजना से खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी.
- कुल 𝟏𝟏,𝟎𝟒𝟎 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एनएमईओ-ओपी योजना न केवल खेती के रकबे के विस्तार और उत्पादकता को बढ़ाने में सहायता करेगी, बल्कि किसानों को उनकी आय और अतिरिक्त रोजगार के सृजन से भी लाभान्वित करेगी.
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