CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : चाइल्डलाइन की टीम ने विश्व भारती स्कूल में एक सेमिनार का आयोजन किया जिसमे चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चो कोयौन शोषण को लेकर जागरूक किया। सभी अध्यापकों और मासूम बच्चों को कोमल मूवी के माध्यम से गुड टच और बेड टच के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बच्चों को यह भी प्रशिक्षण दिया कि जब वे मुसीबत में फंसे तो उन्हें क्या करना चाहिए। टीम ने बच्चों को बताया है कि उनके शरीर में खासकर 4 जगह ऐंसी होती हैं जहां बच्चों के माता और पिता के अलावा डॉक्टर ही छू सकता है। डॉक्टर भी माता-पिता की मौजूदगी में ही छू सकता है अकेले में नहीं। इन चार जगहों में बच्चों का मुंह, छाती, कमर के पीछे और दो टांगों के बीच वाले हिस्से होते हैं।
टीम ने बच्चों को प्रशिक्षण देते हुए उन्हें समझाया कि जब उनके साथ कोई बेड टच की फिलींग (महसूस) हो तो वे घबराएं नहीं। ऐंसी परिस्थिति में बच्चे जोर जोर से चिल्लाएं और वहां से भाग जाएं। वहां से भागने के बाद बच्चो को सबसे पहले उनके पास ही जाना चाहिए जिन पर वे सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। वो विश्वास पात्र व्यक्ति माता, पिता या कोई भी हो सकता है। आगे चाइल्ड लाइन के टीम ने सभी बच्चो व अध्यापकों को संबोधित करते हुए 1098 नंबर की जानकारी देते हुए बताया कि यदि उनके सामने कोई नाबालिग बच्चे 0 से 18 उम्र तक के बच्चों के साथ कोई गलत या दुर्व्यवहार करता हो तो वे भी टोल फ्री नंबर 1098 पर फोन कर चाइल्ड लाइन को जानकारी दे सकते हैं। चाइल्डलाइन किसी भी मुसीबत में फसे बच्चे की मदद के लिए ही है, 1098 नंबर भारत सरकार की निशुल्क सेवा है, इसमें जो व्यक्ति किसी बच्चे की सूचना देता है उसकी जानकारी गुप्त रखी जाती है। इसलिए आप सभी निसंकोच होकर बच्चो कि मदद करे। स्कूल के सभी अध्यापकों व प्राचार्य ने चाइल्डलाइन के कार्य की सराहना की।