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Yamunanagar : राष्ट्रपति का मेहमान बनेगा यमुनानगर का गौरव, देश के 60 छात्रों का हुआ चयन

आइडिया लागू हुआ तो देश भर में मोबाइल नेटवर्क की समस्या होगी खत्म  

  Report By : Rahul Sahajwani  

CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : देश के विभिन्न इलाकों में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करते, कई पहाड़ी इलाकों में तो यह समस्या आम है। यमुनानगर के छात्र के आइडिया पर काम किया गया तो यह समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो सकती है। इस आइडिया को इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम में देश के टाप - 60 में शामिल किया गया है। इन सभी 60 छात्रों को राष्ट्रपति भवन का मेहमान बनने का मौका मिलेगा। राष्ट्रपति सभी छात्रों को सम्मानित करेंगे।

यमुनानगर शहर के सेक्टर-17 निवासी नौवीं कक्षा के छात्र गौरव सिंह के आइडिया पर यदि सरकार व टेलीकाम कंपनियों ने काम किया तो भविष्य में इस तरह की परेशानी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। गौरव सिंह के आइडिया का राष्ट्र स्तर पर चयन किया गया है। इस आइडिया को इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम में देश के टाप - 60 में शामिल किया गया है। इन सभी 60 छात्रों को राष्ट्रपति भवन का मेहमान बनने का मौका मिलेगा। राष्ट्रपति सभी छात्रों को सम्मानित करेंगे। इसके लिए जल्द ही नीति आयोग की तरफ से शेड्यूल जारी किया जाएगा। गौरव फिलहाल डीपीएस स्कूल में नौवीं का छात्र है। जब वह सातवीं कक्षा में था तब उसने आइडिया भेजा था। विगत शाम इसका रिजल्ट घोषित हुआ। हरियाणा से केवल चार बच्चों का चयन हुआ है। जिनमें कविश सरदाना, संचित कुमार व प्रियम दास फरीदाबाद से हैं।

नहीं होगी नेटवर्क की दिक्कत    

गौरव सिंह ने न्यूरोन मोबाइल एप बनाया है। दूसरी कंपनी का नेटवर्क लेने के लिए उपभोक्ता को अपने मोबाइल में यह एप डाउनलोड करनी होगी। उस क्षेत्र में सेवा प्रदाता सभी कंपनियों के नेटवर्क सिग्नल स्ट्रेंथ के साथ एप में दिखाई देंगे। प्रत्येक नेटवर्क के सामने उसका चार्ज भी दिखाई देगा। मोबाइल एप में वालेट की सुविधा होगी। जिसमें अपनी क्षमता अनुसार लोग बैलेंस रख सकते हैं। जिस कंपनी के नेटवर्क पर बात करेंगे उसका चार्ज वालेट से अपने आप कट जाएगा। प्रति मिनट का चार्ज मात्र कुछ पैसे होगा। सरकार व टेलीकाम कंपनियां चाहें तो इस सेवा को निशुल्क भी कर सकती हैं।


14 वर्षीय गौरव ने बताया कि वर्ष 2018 में वह परिवार के साथ उत्तराखंड घूमने गया था। तब उनके पास जो मोबाइल थे उनमें एक में नेटवर्क था, जबकि दूसरे में नहीं। तब उन्हें लगा कि इसके लिए कोई मोबाइल एप बनाया जा सकता है। गौरव सिंह ने बताया कि वह साइंटिस्ट बनना चाहते हैं। वह ऐसे आइडिया लेकर आएं जिनका लोगों को फायदा हो।


जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से हर साल राष्ट्र स्तर पर इंस्पायर (इनोवेशन इन साइंस परसूट फार इंस्पायर रिसर्च) अवार्ड मानक (मिलियन माइंड्स ओगमेंटिंग नेशनल एस्पाइरेशन एंड नालेज) का आयोजन किया जाता है। जिसमें राजकीय व प्राइवेट स्कूलों के छठी से 10वीं कक्षा के विद्यार्थी ऐसे आइडिया दे सकते हैं जो देश के लिए लाभकारी सिद्ध हों। लाखों आइडिया में से केवल 60 का ही चयन किया जाता है। आइडिया के साथ आनलाइन अप्लाई किया था। जिलास्तर के बाद राज्यस्तर पर इसे सराहा गया। अब राष्ट्र स्तर पर इसका चयन किया गया।

गौरव की माता डा. अरुणा दंत रोग विशेषज्ञ है। डा. अरुणा का कहना है कि उन्होंने कभी भी गौरव पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया। उसे मोबाइल गेम व इंटरनेट मीडिया से दूर रखा। वह जो भी काम करना चाहता है उसमें हमेशा उसकी मदद करेंगे। वही दिल्ली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन रामनिवास गर्ग व प्रिंसिपल बी मुरली ने गौरव सिंह के चयन पर बधाई देते हुए कहा कि इससे स्कूल का नाम भी रोशन हुआ है। वहीं उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रतिभा है लेकिन उसे पहचानने और उसमें निखार लाने की जरूरत है उन्होंने कहा कि आज देश को साइंटिस्ट की बहुत जरूरत है जो देश को आगे ले जा सके।


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