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NEWS Desk- पंजाब: सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

Barely 10 days after Captain Amarinder Singh stepped down as the state chief minister, Navjot Singh Sidhu put down his papers from the post of the Punjab Pradesh Congress Committee, a move that fuels the fire of a bitter political power tussle between the two.


न्यूज़ डेक्स
NEWS नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे। 23 जुलाई को उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, इंसान का पतन समझौते से होता है। मैं कांग्रेस के भविष्य और पंजाब की भलाई के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। पार्टी के लिए काम करता रहूंगा  पंजाब में आज नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ है और इसके चंद घंटे बाद ही सिद्धू ने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजह हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की वजह सिद्धू की नाराजगी है।  

CONGRES

ORADESH

DESS CON

PUNJAB

3wWS

CHA

TANDIGARU

PUNJAB PRADESH CONGRESS COMMITTEE

Punjab Congress Bhawan, Sector 15-A, Chandigarh - 160015

NAVJOT SINGH SIDHU President

LHE YEH AUCH DZI, Haco - 15 €, SATTE पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी, सेक्टर- 15ए चंडीगढ

September 28, 2021

Smt. Sonia Gandhi Hon'ble President Indian National Congress

Respected Madam,

The collapse of a man's character stems from the compromise corner, I can never compromise on Punjab's future and the agenda for the welfare of Punjab. Therefore, I hereby resign as the President of Punjab Pradesh Congress Committee. Will continue to serve the Congress.

With Warm Regards

Yours Sincerely

दरअसल, जब पंजाब में मंत्रियों के नाम तय किए गए तब राहुल गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बातचीत कर इसका फैसला किया। इसमें कहीं भी नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। पहले दिन की मीटिंग में उन्हें जरूर बुलाया गया लेकिन जब राहुल गांधी शिमला से लौटकर आए तब की मीटिंग में सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। दूसरी वजह ये मानी जा रही है कि सीएम चन्नी ने जिन भी लोगों के नाम तय करने शुरू किए चाहे वो डीजीपी हों या एडवोकेट जनरल हों, इसमें भी सिद्धू की नहीं मानी गई। यानी मंत्रियों के नाम तय करने में हाईकमान ने उन्हें शामिल नहीं किया, पोर्टफोलियो तय करने में उनसे नहीं पूछा गया और साथ ही महत्वपूर्ण पदों (डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी जैसे पद) पर नियुक्ति के विषय में भी सीएम सिद्धू की सलाह नहीं रहे हैं। ऐसे में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उन्होंन हाईकमान के सामने अपनी नाराजगी दर्ज करने की कोशिश की है।


सिद्धू की नाराजगी के पांच कारण

1.  राणा गुरजीत सिंह को नवजोत सिंह सिद्धू के विरोध के बावजूद मंत्री बनाना

2.   सुखजिंदर रंधावा को गृह विभाग देना

3.   एपीएस देयोल को एडवोकेट जरनल बनाना

4. कुलजीत नागरा को मंत्रिमंडल में शामिल न करना

5. मंत्रिमंडल के गठन ओर मंत्रियों के पोर्टफोलियो बंटवारे में सिद्धू की राय न लिए जाना

6. सीएम न बनाए जाने से नाराजगी

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