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Sirsa- अंशुल छत्रपति ने अदालत से डेरा प्रमुख के लिए मांगी फांसी की सजा

  • चार साल और दो माह बाद डेरा प्रमुख के खिलाफ एक और फैसला.
  • डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह करीब सवा चार साल से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
  • डेरा प्रमुख के जेल में जाने के बाद डेरा की गतिविधियां लगभग थम गई है.
  • डेरा में अब पहले के मुकाबले कम संख्या में डेरा अनुयायी आते हैं.
  • बड़े सत्संग का आयोजन भी नहीं हुआ.


सिरसा
NEWS डेरा प्रमुख राम रहीम पर पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे रंजीत हत्या मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 12 अक्टूबर को राम रहीम सहित सभी आरोपियों को सजा सुनाएगी।

वही, रंजीत मर्डर केस में अदालत द्वारा डेरा प्रमुख सहित सभी को सभी आरोपियों को दोषी करार देने के बाद रामचंद्र  छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने कहा कि पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने जो आज फैसला सुनाया है रंजीत सिंह मर्डर केस में हम उसका स्वागत करते है।  जिसमे डेरा प्रमुख सहित सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। 12 अक्टूबर को अदालत इसमें सजा का एलान करेगी। ये मामला वर्ष 2002 की ये घटना है और आज 19 साल बाद आज ये फैसला आया है। ये स्वागत योग्य कदम है हम अदालत का धन्यवाद करते है।

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या 2002 में हुई थी. अदालत ने गुरमीत राम रहीम को 11 जनवरी को इस मामले में दोषी क़रार दिया था. डेरा प्रमुख के साथ तीन अन्य लोगों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी दोषी ठहराया गया था. इन्हें भी उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है.

जिस कोर्ट ने राम रहीम को पत्रकार की हत्या के मामले में सज़ा सुनाई, इसी कोर्ट ने अगस्त 2017 में राम रहीम को रेप केस में भी दोषी क़रार दिया था. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने ही साल 2002 में इस रेप केस की जानकारी पहली बार दी थी. इस मामले में भी बलात्कार वाले मामले में गुरमीत राम रहीम को सज़ा सुनाने वाले जज जगदीप सिंह ने ही सज़ा सुनाई.

अंशुल ने कहा कि 19 साल बाद ये फैसला पीड़ित परिवार के लिए भी राहत की बात है मेरी अदालत से ये गुजारिश है, कि जो गुरमीत राम रहीम आदतन अपराधी था जो अदालत में साबित हो चुका है। पहले से रेप और हत्या के मामलों में सजा याफ्ता है और एक अन्य मामला है जिसमे साधुओं को नपुंसक बनाने का है। अदालत में लंबित है अंशुल ने कहा कि वे अदालत से गुजारिश करते है कि ऐसे अपराधी को फांसी की सजा सुनाई जाए। ताकि लोग इससे सबक ले।

गौरतलब है कि सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को सीबीआई अदालत ने 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। उसके पश्चात सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर मामले में भी अदालत ने डेरा प्रमुख को दोषी माना। अब सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह निवासी कुरुक्षेत्र के मामले में भी डेरा प्रमुख को दोषी करार दिया है। 12 अक्टूबर को अदालत डेरा प्रमुख व अन्य दोषियों के खिलाफ फैसला सुनाएगी।

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