लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : अगले जन्म मोहे बिटिया न कि जो। ऐसा ही जगाधरी अस्पताल में मिली एक महीने की नवजात कह रही होगी। हालांकि अभी मासूम ने ढंग से दुनिया को देखना भी शुरू नही किया कि इसके अपने ही उसे जगाधरी सिविल अस्पताल में लावारिस हालात में छोड़ गए। वही इस मामले में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने इसकी सूचना जगाधरी पुलिस को दी और बच्ची को अस्पताल के चाइल्ड केयर यूनिट में शिफ्ट किया । जहां उसका ईलाज चल रहा है। वही इस मामले में बाल संरक्षण यूनिट व बाल कल्याण समिति ने अस्पताल पहुंच बच्ची की हालत देखी और धारा 317 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बच्ची के परिवार वालो की तलाश की जा रही है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा चारो और है फिर भी नवजात बेटियों को पैदा होते ही मार देते है या मरने के लिए छोड़ देते है। ऐसा ही एक और घटना सामने आई है। सिविल अस्पताल जगाधरी के आइसोलेशन वार्ड में कोई महिला अपनी एक माह की बच्ची को छोड़ गई। महिला रात के अंधेरे में अस्पताल में आई और बच्ची को बिस्तर पर छाेड़ कर चली गई। आधी रात को जब बच्ची को भूख लगी तो वह राेने लगी। रातभर अस्पताल का स्टाफ बच्ची के माता-पिता के बारे में पता करता रहा परंतु किसी के बारे में कुछ पता नहीं चला। पुलिस भी रात को अस्पताल में आई। फिलहाल बच्ची को अस्पताल में ही रखा गया है। वह पूरी तरह से स्वस्थ है। डाक्टरों की टीम उस पर नजर रखे हुए हैं। रात को ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बच्ची को आइसोलेशन वार्ड में बच्ची को रोते हुए देखा। बच्ची वहां बिस्तर पर अकेली पड़ी थी। बहुत देर तक जब कोई भी नहीं आया तो उन्होंने सारे अस्पताल में मरीजों व उनके परिजनों को जोर-जोर से आवाज लगाकर पूछा कि यह बच्ची उनकी तो नहीं है। परंतु सब ने बच्ची को अपना मानने से मना कर दिया।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी आँचल त्यागी ने बताया कि रात को अस्पताल की नर्स ने इसकी सूचना थाना शहर जगाधरी में दी। इसी पर बाल कल्याण समिति और हमारी टीम पहुंची। बच्ची को अस्पताल में ही डाक्टरों की निगरानी में रखा गया। बच्ची करीब एक माह की है। रात को उसे भूख लगी होगी तो वह रोने लगी। प्रारंभिक जांच में पता नहीं चल पाया है कि बच्ची को वहां कौन छोड़ कर गया। अंधेरा होने के कारण कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है। पुलिस ने 317 के तहत मामला दर्ज किया है और इसके परिवार वालो की तलाश की जा रही है।