सांसद दीपेंद्र हुड्डा
हरियाणा वोकेशनल टीचर्स के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि पिछले करीब 𝟓𝟎 दिनों से पंचकुला में वे अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। उनकी प्रमुख मांग यह है कि समझौते के मुताबित सरकार उन्हें हरियाणा रोजगार निगम के माध्यम से रखने की बजाय सभी 𝟐𝟐𝟕𝟖 वोकेशनल टीचर्स को विभाग के पदों पर मर्ज करे। क्योंकि वे स्कूलों में ग्रुप-बी के समानांतर कार्यरत हैं न कि ग्रुप सी या डी के समानांतर। इसके अलावा, सभी 𝟐𝟐𝟕𝟖 वोकेशनल टीचर्स के लिये समान कार्य, समान वेतन लागू किया जाए। साथ ही, सेवा नियमावली 𝟐𝟎𝟏𝟑 लागू कर सभी वोकेशनल टीचर्स को 𝟓𝟖 वर्ष आयु तक जॉब सिक्योरिटी दी जाए।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने बताया कि इस संबंध में विभागीय मंत्री से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक से सहमति बन गयी थी। विभाग में मर्जिंग को लेकर कंप्यूटर टीचर्स की तर्ज पर एनएसक्यूएफ प्रोजेक्ट में सीएसएसवीएचएसई स्कीम के तहत रखने की बात पर 𝟏𝟑 जुलाई 𝟐𝟎𝟏𝟗 को मुहर लग चुकी थी। जिसके बाद हरियाणा सरकार के आश्वासन पर पंचकूला के हैफैड ग्राउंड में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना खत्म कर दिया गया था। सरकार के प्रतिनिधियों ने यह भी घोषणा की थी कि अप्रैल 𝟐𝟎𝟐𝟎 स्कूल के नये सत्र से वोकेशनल टीचर्स की नियुक्ति विभाग के माध्यम से होगी। मगर 𝟐 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया। 𝟐𝟐 जिलों के वोकेशनल टीचर्स ने इन 𝟐 वर्षों में जिले से लेकर चंडीगढ़ तक गुहार लगाई लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे मजबूर होकर वोकेशनल टीचर्स को 𝟐𝟖 अक्टूबर 𝟐𝟎𝟐𝟎 से पुनः सड़कों पर उतरना पड़ा।
वोकेशनल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से महेन्द्रगढ़ जिलाध्यक्ष कमलेश, कोषाध्यक्ष सेवा सिंह, डॉ. हनुमान सेन, बिजेन्दर, सत्यवीर, महेश कुमार, जयप्रकाश सैनी, राजकुमार, श्रवण शर्मा, गरिमा चौधरी, मंजू आदि शामिल रहे।
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