उपायुक्त ने पीएनडीटी एक्ट व एमपीटी एक्ट की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश
यमुनानगर | NEWS - उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिले में सभी गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन शत-प्रतिशत होना चाहिए और लिंगानुपात में बढ़ोतरी होनी चाहिए, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाए। उपायुक्त बुधवार को लघु सचिवालय स्थित डीसी कार्यालय में पीएनडीटी की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने पीएनडीटी एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि जिले का लिंगानुपात 1000 लड़कों के पीछे 921 लड़कियां है,जो कि संतोषजनक नही है। लिंगानुपात में समानता लाने के लिए प्रयास किए जाए। सबसे जरूरी है कि जिले में जितनी भी महिलाएं गर्भवती हो उनका रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया जाए और आशा वर्कर व एएनएम के माध्यम से ऐसी महिलाओं का ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि जच्चा और बच्चा सुरक्षित रहे इसके लिए जरूरी है कि डिलीवरी संस्थान में हो। उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच की जाए कि किस क्षेत्र में लिंगानुपात कम है उस क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया जाए और ऐसे क्षेत्र की पीएचसी पर विशेष निगरानी रखे। उन्होंने सीडीपीओ कुसुमलता को निर्देश दिए कि वह आंगनवाडिय़ों के माध्यम से ऐसे ग्रामीण क्षेत्र का सर्वे करवाए जहां पर लिंगानुपात काफी कम है और अगली बैठक में इसकी सूचना भेजे।
उन्होंने निर्देश दिए कि अल्ट्रासाऊंड सैंटरों पर कड़ी नजर रखी जाए। यदि कोई अल्ट्रासाऊंड संचालक नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। लड़का-लड़की की जांच करवाने के लिए गर्भ में पल रहे बच्चे का अल्ट्रासाऊंड करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। उन्होंने जिला न्यायवादी को निर्देश दिए कि वह न्यायलय में पीएनडीटी व एमपीटी के मामलों की प्रमुखता से पैरवी करें ताकि दोषी किसी प्रकार से बच न सकें। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. मनजीत ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे जिला स्तर के कार्य की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर डीएसपी प्रमोद कुमार, डॉ. प्रमोद, डीए धर्मचंद ने भी पीएनडीटी मामलों के बारें में उपायुक्त को विस्तार से बताया।