वित्त वर्ष 2021-22
चंडीगढ़।। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 3068 लाभार्थियों को 2167.67 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया करवाई है, जिसमें 182.06 लाख रुपये की सब्सिडी तथा 78.45 लाख रुपये मार्जिन मनी के रूप में दिया जाना शामिल है।
निगम के प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते
हुए बताया कि निगम द्वारा अनुसूचित जातियों से संबंधित लोगों को विभिन्न श्रेणियों
के अंतर्गत ऋण मुहैया करवाया जाता है ताकि वे अपना कारोबार और स्व-रोजगार स्थापित
कर सकें। इन श्रेणियों में कृषि एवं सबद्ध क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, व्यापार और कारोबार
क्षेत्र तथा स्व-रोजगार क्षेत्र शामिल हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं
विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत भी उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की
जा रही है।
उन्होंने बताया कि कृषि एवं सबद्ध क्षेत्र के
अंतर्गत 1258 लाभार्थियों
को डेरी फार्मिंग, भेड़ पालन, सुअर पालन और झोटा-बुग्गी के लिए 742.88 लाख रुपये का
ऋण उपलब्ध करवाया गया है। इनमें से 674.48 लाख रुपये बैंक ऋण और 68.14 लाख रुपये
सब्सिडी के रूप में जारी किए गए हैं।
इसी प्रकार आद्यौगिकी क्षेत्र में 57 लाभार्थियों को 32.70 लाख रूपये की
सहायता उपलब्ध कराई गई जिसमें 24.99 लाख रूपये बैंक ऋण 4.43 लाख रूपये सब्सिडी के रूप में तथा 3.28 लाख रूपये
मार्जिन मनी के रूप में दिए गए। जबकि व्यापार और कारोबार क्षेत्र के अंतर्गत 915 लाभार्थियों को 748.69 लाख रुपये की
राशि मुहैया करवाई गई जिसमें से 596.93 लाख रुपये बैंक ऋण, 76.91 लाख रुपये सब्सिडी और 74.85 लाख रुपये
मार्जिन मनी के रूप में जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लघु व्यवसाय योजना के तहत इस अवधि के दौरान 799 लाभार्थियों को 599.55 लाख रुपये जारी किए गए। इसमें राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 479.58 लाख रुपये और हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 87.59 रुपये है। इसके अतिरिक्त, 32.38 रुपये की सब्सिडी भी वितरित की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत इस अवधि के दौरान 37 लाभार्थियों को 39.55 लाख रुपये जारी किए गए। इसमें राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 35.38 रुपये और हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 4.07 लाख रूपये, 10 हजार रूपये सब्सिडी है।
पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा
कि ग्रामीण स्तर पर कमेटियां का गठित कर विकास कार्यों की गुणवता की जांच की जाए. अगर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती हैं, तो कमेटियां इसे सरकार
के संज्ञान में लाएं ताकि उन पर तुरंत कार्रवाई की जा सके..
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