शिकायतकर्ता का आरोप: जांच करने वाले अधिकारी दोषी कर्मचारियों व ठेकेदार को बचाने में लगे हुए है. इसलिए जब कार्य में प्रयोग हुई निर्माण सामग्री की जांच की गई तो उस दौरान शिकायतकर्ता को मौके पर नहीं बुलाया गया..
रादौर।। गांव ठसका में एसएलडब्लयूएम योजना के तहत हुए कार्य की शिकायत के मामले में चल रही जांच पर शिकायतकर्ता ने सवाल उठाए है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच करने वाले अधिकारी दोषी कर्मचारियों व ठेकेदार को बचाने में लगे हुए है। इसलिए जब कार्य में प्रयोग हुई निर्माण सामग्री की जांच की गई तो उस दौरान शिकायतकर्ता को मौके पर नहीं बुलाया गया।
जिससे उन्हें शक है कि
उन्होंने निर्माण सामग्री के सैंपल को चेंज कर जांच करवाई है। ऐसी जांच का कोई
औचित्य नहीं है। जांच में हो रही ढीली कार्रवाई की शिकायत अब वह मुख्यमंत्री से
करेगें और कार्य में मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले कर्मचारियों के
खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगें।
रिर्पोट में अधिकारियों ने केवल गटके में हुई गड़बड़ को माना, बाकी का कर गए गोलमाल
गांव खुर्दबन निवासी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव ठसका में एसएलडब्लयूएम योजना के तहत बने पौंड सिस्टम के कार्य में बड़ा गोलमाल हुआ है। जिसकी उन्होंने शिकायत दी थी। कई शिकायतों के बाद इस मामले की जांच हुई। लेकिन जांच रिर्पोट को अधिकारियों ने उसे नहीं दिखाया। तब एक बार फिर से उसने आरटीआई के तहत जांच रिर्पोट मांगी। जिससे उन्हें पता चला कि जांच में खानापूर्ति की गई है। जांच अधिकारी ने भी मामले को छोटा दिखाने का प्रयास किया।इसलिए जांच में केवल
गटके की कमी को दर्शाया गया है। बाकी की कमियों को नजरअंदाज कर दिया गया। इतना ही
नहीं ईंट का भी सैंपल लिया गया था। वह बहुत की घटिया स्तर की थी। लेकिन उसे पास कर
दिया गया। यह सब मिलीभगत से हो रहा है। क्योंकि जांच अधिकारियों को भी पता है कि
अगर जांच सही तरीके से हुई तो ठेकेदार ही के अलावा उन कर्मचारियों पर भी आंच आएगी
जिनके नेतृत्व में यह कार्य हुआ और उसमें भ्रष्टाचार हुआ। उनकी मांग है कि
उन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि भविष्य में इस प्रकार का
भ्रष्टाचार न हो।
यह था मामला
गांव ठसका खादर में एसएलडब्लयूएम योजना के तहत पानी की निकासी का प्रबंध करवाने के लिए सीवरेज व्यवस्था करवाई गई थी। जिसमें पौंड सिस्टम भी गांव से बाहर तैयार किया गया था। इस कार्य पर करीब 25 से 28 लाख रूपए खर्च हुए। गांव खुर्दबन निवासी सुरेंद्र सिंह ने इस कार्य में धांधली के आरोप लगाए थे और शिकायत देकर जांच की मांग की थी। सुरेंद्र ने जन सूचना अधिकार के तहत इस कार्य की पूरी जानकारी भी मांगी थी। जिसके बाद इस कार्य की जांच हुई तो उसमें साफ तौर पर धांधली सामने आई। सुरेंद्र का कहना है कि धांधली के पूरे प्रमाण उसके पास मौजूद है। गटके को नियमानुसार नहीं डाला गया है। यह बात अधिकारियों ने अपनी जांच रिर्पोट में मानी है।लेकिन अन्य कमियों को दरकिनार करने का प्रयास हो रहा है। कार्य में डीपीसी ही नहीं डाली गई। कार्य की एमबी में 3 इंच की स्लैब दिखाई गई है जबकि मौके पर वह केवल डेढ इंच की है। पाईप आईएसआई नहीं है। पील्ली र्इंटो का प्रयोग इस कार्य में हुआ है। पूरा मैटीरियल मानकों के अनुसार नहीं है। इस धांधली में पंचायती राज विभाग का एसडीओ व जेई भी उतना ही दोषी है जितना की कार्य करने वाला ठेकेदार। इसलिए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
