राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र में आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित कार्यशाला में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया संबोधित
कुरुक्षेत्र | NEWS - हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र 60 सालों की मेहनत और तपस्या के बाद तकनीकी शिक्षा अनुसंधान में एक रोल मॉडल के रुप में उभरा है। इस संस्थान ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए पेशेवरों और उद्यमियों को पैदा करके देश के विकास में नए आयाम स्थापित किए है।
राज्यपाल आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कुरुक्षेत्र में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर आयोजित न्यायपालिका प्रणाली, मानवाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा में भगवद गीता की भूमिका विषय पर आयोजित विशेष कार्यशाला में बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, सांसद नायब सिंह सैनी, निट के निदेशक प्रोफेसर बीवी रेड्डी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, निट पांडिचेरी के निदेशक प्रोफेसर के शंकर नारायणसामी, आरईआरएफ के अध्यक्ष बीके डा. मृत्युंजय, डीन प्रोफेसर ब्रहमजीत सिंह, रजिस्ट्रार जीआर सामंतरे ने आजादी के अमृत काल में लेकर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्जवलित करके विधिवत रुप से शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के 482वें जयंती पर महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। निट प्रशासन की तरफ से आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष को लेकर निट के 60 साल पूरे होने पर आगामी वर्ष भर तक चलने वाली गतिविधियों को लेकर एक डिजिटल रोड मैप का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को महाराणा प्रताप की 482वीं जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने जीवन में कभी हार नहीं मानी। ऐसे पराक्रमी वीर योद्धा के जीवन चरित्र से युवाओं को शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि तकनीकी संस्थान से अपनी शिक्षा पूरा करने के बाद यहां के युवा नौकरी के पीछे नहीं छोड़ेंगे अपितु नौकरी देने के उदेश्य से अपने आपको तैयार करेंगे। आज देश को इस प्रकार की युवा शक्ति की आवश्यकता है। इस युवा शक्ति के बलबूते पर ही भारत को शक्तिशाली बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हीं अहम विषयों को लेकर ही नई शिक्षा नीति को लागू करने का काम किया है। इस नई शिक्षा नीति को ग्रहण करने के उपरांत युवा पीढ़ी स्वयं अपने पैरों पर खड़ी होगी और आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार किया जा सके। इसके साथ ही महिलाओं को भी आगे बढ़ाने का कार्य करना है, इस कार्य में निट जैसी संस्थाए अपना अहम योगदान दे सकती है।