𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐢𝐭𝐞𝐫𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐀𝐠𝐧𝐞𝐞𝐩𝐚𝐭𝐡 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐢𝐬 𝐧𝐞𝐢𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡, 𝐧𝐨𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐦𝐮𝐬𝐭 𝐫𝐞𝐜𝐨𝐧𝐬𝐢𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐝𝐫𝐚𝐰 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡 𝐚𝐫𝐞 𝐝𝐢𝐬𝐚𝐩𝐩𝐨𝐢𝐧𝐭𝐞𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐭𝐭𝐢𝐭𝐮𝐝𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭.
- अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार कर उसे वापिस ले सरकार
- कांग्रेस हर मोर्चे पर कर रही है अग्निपथ का विरोध
- इजराइल या अमेरिका की स्थिति भिन्न
- सेना में भर्ती होकर गौरवान्वित महसूस करता है भारत का युवा
- सैनिकों का भविष्य सुनिश्चित करे सरकार, तभी बढ़ेगा उनका मनोबल
रोहतक, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दोहराया है कि अग्निपथ योजना ना नौजवानों के हित में है और ना ही देश के हित में। युवा इस योजना और सरकार के रवैए से मायूस हैं। इसलिए सरकार को इसपर पुनर्विचार करते हुए योजना को वापस लेना चाहिए।
हुड्डा आज रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना लागू करके सरकार सेना व युवाओं के भविष्य से
खिलवाड़ कर रही है।
हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार इसको वापस नहीं लेती है तो कांग्रेस इसका विरोध करने के लिए तमाम संवैधानिक तरीके अपनाएगी। आज भी दिल्ली समेत पूरे देश में कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन किया। आगे भी पार्टी पुरजोर तरीके से इसका विरोध करते रहेगी।
𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐀𝐠𝐧𝐞𝐞𝐩𝐚𝐭𝐡 𝐜𝐚𝐧𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞 𝐢𝐦𝐩𝐥𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐛𝐲 𝐜𝐢𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐈𝐬𝐫𝐚𝐞𝐥 𝐨𝐫 𝐀𝐦𝐞𝐫𝐢𝐜𝐚. “𝐖𝐞 𝐬𝐢𝐦𝐩𝐥𝐲 𝐜𝐚𝐧𝐧𝐨𝐭 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐫𝐞 𝐨𝐮𝐫 𝐬𝐢𝐭𝐮𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐥𝐨𝐰 𝐩𝐨𝐩𝐮𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐥𝐨𝐰 𝐮𝐧𝐞𝐦𝐩𝐥𝐨𝐲𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐫 𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐚𝐫𝐞 𝐫𝐞𝐥𝐮𝐜𝐭𝐚𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐣𝐨𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫𝐜𝐞𝐬. 𝐎𝐮𝐫 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐠𝐫𝐞𝐚𝐭 𝐩𝐫𝐢𝐝𝐞 𝐢𝐧 𝐣𝐨𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫𝐜𝐞𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इजराइल या अमेरिका जैसे देशों का हवाला देकर भारत में अग्निपथ जैसी योजना लागू नहीं की जा सकती। जिन देशों में बेरोजगारी नहीं है या जनसंख्या कम है या लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते, उन देशों की तुलना भारत से नहीं की जा सकती। भारत की स्थिति भिन्न है। भारत का युवा सेना में भर्ती होकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है।
हुड्डा ने कहा कि बिना किसी पायलट प्रोजेक्ट या प्रभावित वर्गों को विश्वास में लिए एकदम से इतना बड़ा मिलिट्री रिफॉर्म करना सही नहीं है। उन्होंने खुद की सरकार द्वारा लागू की गई खेल नीति का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने खेलों में कई रिफॉर्म किए।
उसके लिए बाकायदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया और खिलाड़ियों का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए ‘पदक लाओ, पद पाओ’ जैसी नीति बनाई गई। यही वजह है कि आज हमारे खिलाड़ी और खेल का स्तर कहां से कहां पहुंच गया। इसी तरह सरकार को सैनिकों का भविष्य सुनिश्चित करना चाहिए, तभी उनका मनोबल बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल का विद्यार्थी होने के नाते वो भी आधे फौजी हैं। इसीलिए वो राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में अग्निपथ योजना को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं।
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