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Radaur- गुमथला घाट पर धूमधाम से मनाया गंगा दहशरा

"ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः"



रादौर, डिजिटल डेक्स।। गंगा दहशरे का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। इसी कड़ी में यमुनानदी के गुमथला व पोबारी घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। गांव गुमथला में इस अवसर पर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया। मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पहले यमुनानदी के घाट पर जाकर डूबकी लगाई। 

हालांकि इस वर्ष बरसात न होने से यमुनानदी में पानी का स्तर भी काफी कम रहा। डूबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर मन्नते मांगी। जिसके बाद श्रद्धालु बाबा गंगाराम मंदिर में माथा टेकने पहुंचे और मेले का लुप्त उठाया। 

मेले में काफी संख्या में दुकानदार व झूले वाले पहुंचे थे। जहां महिलाओं ने मेले में खरीददारी की वहीं बच्चों ने मेले में लगे झूलों का लुप्त भी उठाया। इस दौरान मंदिर कमेटी की ओर से कुश्ती दंगल का आयोजन भी किया गया। जिसमें पहुंचे पहलवानों ने अपने दांव पेंचो से दर्शकों का मनोरंजन किया।


प्रशासन रहा मुस्तैद, लेकिन गहरे पानी के चेतावनी बोर्ड इस बार भी रहे नदारद
प्रशासन की ओर से मेले में किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए थे। वाहनों की वजह से मेले में जाम की स्थिति पैदा न हो इसके लिए वाहनों को बाहर ही रोका गया था। जगह जगह पुलिस कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे। यमुनानदी में डूबकी लगाते समय कोई श्रद्धालु न डूबे इसके लिए प्रशासन की ओर से इस वर्ष नाव का प्रबंध किया गया था। 

जिसमें गोताखोर गश्त कर रहे थे। हालांकि प्रशासन की ओर से गहरे पानी में न जाने की चेतावनी की बोर्ड इस बार भी नहीं लगाए गए थे। अप्रिय घटना होने की स्थिति में उसे तुरंत संभाला जा सके इसके लिए प्रशासन की ओर से दो एंबूलैंस व एक फायर बिग्रेड की गाड़ी को भी मौके पर रखा गया था।

बाबा गंगाराम की प्रार्थना से शांत हुई थी यमुना
बाबा ठाकुर दास अग्रवाल सभा गुमथला के कोषाध्यक्ष सुदेश बंसल ने बताया कि करीब दो सौ वर्ष पूर्व यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया था, जिससे गांव गुमथला के अस्तित्व को भी खतरा पैदा हो गया था। तभी बाबा गंगाराम ने मां यमुना से शांत रहने की प्रार्थना की और गंगा दहशरे पर मेले का आयोजन करने का प्रण लिया। 

जिसके बाद मां यमुना ने अपना रौद्र रूप शांत किया। तभी से यहां गंगा दशहरे पर मेले का आयोजन किया जाता है। वही श्रद्धालु बाबा गंगा राम की समाधि व उनके खड़ाऊ की पूजा अर्चना भी करते है। लोगों की यहां अपार आस्था है। आसपास के गांवो के अलावा परिजन अपने रिश्तेदारों को भी मेले में आंमत्रण देते है।

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