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NEWS Desk- सरकार बताए नौजवानों के सपने को चकनाचूर करना कौन सी देशभक्ति है: दीपेंद्र हुड्डा

सरकार ने जैसे किसानों से माफ़ी मांगकर तीनों क़ानून वापस लिए वैसे ही युवाओं से माफ़ी मांगकर अग्निपथ योजना वापस ले !  


   Highlights

  •  युवाओं के भविष्य को चौपट और देश की सेना को कमजोर करने वाला कदम न उठाये सरकार
  • अग्निपथ योजना तुरंत वापस ले सरकार और सेनाओं में नियमित भर्ती करके खाली पदों को भरे
  • नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे
  •  ‘वन रैंक, वन पेंशनका नारा देकर सत्ता में आई भाजपा सरकार नो रैंक, नो पेंशनले आई
  • जिस देश का सैनिक अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करेगा वो देश की सुरक्षा किस मनोबल से करेगा
  • देश की सुरक्षा, देश की फौज और देश भक्ति की भावना में कोई कमर्शियल इंटरेस्ट नहीं होता 


न्यूज़ डिजिटल डेक्स।। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार अग्निपथयोजना को तुरंत प्रभाव से वापस ले और सेनाओं में नियमित भर्ती करके खाली पड़े पदों को भरे। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य को चौपट और देश की सेना को कमजोर करने वाला कदम न उठाये।

सरकार ने जैसे किसानों से माफ़ी मांगकर तीनों क़ानून वापस लिए वैसे ही युवाओं से माफ़ी मांगकर अग्निपथ योजना वापस ले। यह योजना न तो राष्ट्र सुरक्षा के हित में है, न ही युवाओं के भविष्य के हित में है। उन्होंने देश के नौजवानों से आग्रह किया कि वे शांति और संयम रखें, कोई गलत कदम न उठाएं। इस लड़ाई को हम मिलकर लड़ेंगे, सरकार को झुकना ही पड़ेगा। 

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन इसका उदाहरण है। एक साल से ज्यादा समय तक किसान शांति व संयम से रहे, इसीलिये किसानों की जीत हुई। किसान आंदोलन में 700 घरों के चिराग बुझ गये थे। इसके बाद सरकार ने फैसला वापिस लिया था। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि फिर से ऐसी परिस्थिति न बने इसलिये इस मसले पर राजहठ न दिखाए सरकार अविलम्ब अग्निपथयोजना को वापस ले। कांग्रेस देश की फौज को कमजोर नहीं होने देगी। कोई भी ऐसा कदम, जिससे देश की फौज कमजोर होती दिखायी देगी, उसका हम पुरजोर विरोध करेंगे।

उन्होंने कहा कि 4 साल के बाद जिन अग्निवीरों की फौज से छुट्टी हो जायेगी उन्हें अलग-अलग मंत्रालयों, विभागों और प्राईवेट सेक्टर में प्राथमिकता देने के बड़े-बड़े वादे और दावे किये जा रहे है। सरकार बताए कि जो रिटायर्ड फौजी 15 साल की सर्विस के बाद वापिस आ रहे हैं उनमें से कितने रिटायर्ड फौजियों को सरकार ने नौकरी दी है। 

क्योंकि पूर्व सैनिकों के लिये कोटे का प्रावधान पहले से तय है और उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे प्रदेशों में परम्परागत रूप से फौज में भर्ती होती रही है। यहां के नौजवानों को बड़ा झटका लगा है। यहां के विभिन्न इलाकों में पीढ़ी दर पीढ़ी देश के लिये समर्पित होकर देश के लिये बलिदान देने की परम्परा रही है। 

अग्निपथ योजना के तहत ऑल इंडिया ऑल क्लास के प्रभाव के बारे में बताते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा से हर साल करीब 5000 और राजस्थान से हर साल करीब 7000 युवा सेना में भर्ती होते थे। लेकिन अब राजस्थान में ये घटकर 2660, हरियाणा में घटकर 963 हो जायेगा और इसमें से सभी एक चौथाई अग्निवीर ही आगे सेना में रखे जायेंगे। इस योजना से पूरे देश खासकर हरियाणा पंजाब और राजस्थान के नौजवानों को नुकसान होगा।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अग्निपथ योजनालागू करने के निर्णय से देश भर के युवाओं में निराशा, मायूसी और गहरा रोष है। उन्होंने कहा कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देने के वायदे में विफल हो गयी सरकार तो अपने वायदे से ध्यान भटकाने के लिये ही वो अग्निपथ योजना लेकर आई और 10 लाख रोजगार देने का शिगूफा छोड़ दिया। 

इस योजना के अधार पर हमारे देश की फौज का संख्याबल आधी हो जायेगी। अभी तक हर साल फ़ौज में 60 से 80 हज़ार भर्तियाँ होती थीं, अब अग्निपथ योजना में हर साल 40-50 हज़ार भर्ती होगी, जिसमें से 75% अग्निवीरों को 4 साल बाद निकाल दिया जायेगा इस हिसाब से अगले 15 साल में हिन्दुस्तान की करीब 14 लाख की फ़ौज का संख्याबल घटकर आधा से भी कम रह जायेगा। फौज का संख्याबल घटेगा, तो बेरोजगारी भी बढ़ेगी। 

दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की नौकरियों मं  62 लाख रिक्त पद हैं, जिसमें से अकेले केंद्र सरकार में 26 लाख पद खाली हैं। संसद में उनके सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि फौज में करीब 2 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, तीन साल से भर्तियां बंद हैं। 

ऐसे में यह योजना लाकर सरकार ने रिकार्ड बेरोजगारी का सामना कर रहे नौजवानों के भविष्य के साथ भद्दा मजाक किया है। ये युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है। सरकार झूठे सब्जबाग न दिखाए। खाली पड़े पदों पर असली भर्ती शुरू करे। उन्होंने सीधा सवाल किया कि सरकार बताए नौजवानों के सपने को चकनाचूर करना कौन सी देशभक्ति है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार पहले किसान के पीछे पड़ी अब जवान के पीछे पड़ गयी है। सरकार सैनिक बनकर देश सेवा करने के युवाओं के पवित्र सपने का कत्ल कर रही है। इसलिए युवा विरोध कर रहे हैं और हम युवाओं के साथ खड़े हैं। 

देश के युवा कह रहे हैं कि वन रैंक, वन पेंशनका नारा देकर सत्ता में आई सरकार अब नो रैंक, नो पेंशनकी नीति लाकर युवाओं के भविष्य व हितों पर कुठाराघात कर रही है। सरकार सोचती है कि कमर्शियल कारणों से लोग फौज में जायेंगे, कॉन्ट्रैक्ट पर काम करेंगे, आगे कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर फौज को चलायेंगे। 

मैं प्रधानमंत्री जी और देश की सरकार से कहना चाहता हूं कि देश की सुरक्षा, देश की फौज और देश भक्ति की भावना में कोई कमर्शियल इंटरेस्ट नहीं होता। गाँव क़स्बों मे गरीब, किसान-मजदूर, मिडिल क्लास किसी से कम काबिल नहीं है। बढ़िया शैक्षिक संस्थान न होने पर भी बच्चे प्रैक्टिस कर के फ़ौज में भर्ती की तैयारी करते हैं क्योंकि उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना सबसे ज्यादा है। सरकार ने नौजवानों की देशभक्ति की भावना का भी अपमान कर रही है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वो अहंकार छोड़े और देश के नौजवानों के मन की बात भी सुने।

कांग्रेस सांसद ने देश के रक्षा बजट में भारी कटौती पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना को लाने के पीछे वेतन, पेंशन का पैसा बचाने की बात भी सामने आ रही है। 2017-18 में केंद्र सरकार का रक्षा बजट 17.8 प्रतिशत था जो 2020-21 में घटकर सिर्फ 13.2 प्रतिशत रह गया। इतनी भारी गिरावट ऐसे समय में की गई है जब चीन हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। जब पाकिस्तान और चीन एक होकर परोक्ष युद्ध की बात कर रहे हों। उन्होंने सवाल किया कि रक्षा बजट में इतनी भारी कटौती करना कौन सी देशभक्ति है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार की कार्यशैली पर प्रहार करते हुए कहा कि जब भी कोई योजना लेकर आती है सरकार तो उससे पहले किसी से चर्चा, मशविरा नहीं करती और योजना लागू कर देती है। भूमि अधिग्रहण, नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानून और अब अग्निपथ योजना इसका उदाहरण है। नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिये सरकार फौज के बुनियादी सिद्धान्त से जो खिलवाड़ कर रही है वो भी घातक साबित होगा। सेना की रेजिमेंट सिस्टम में समय के साथ नमक, नाम और वफादारी को विकसित किया गया। 4 साल का सफर तय करते हुए जब 75% को अलविदा कह दिया जायेगा, तो धीरे-धीरे रेजिमेंटल सिस्टम भी कमजोर पड़ जायेगा। 

फौज के रेजिमेंटल सिस्टम के आधार, प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करना खतरनाक है सरकार फौज की नींव को हिलाने का काम कर रही है इससे फौज कमजोर होगी। देश की सुरक्षा और फ़ौज पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। पूरे राष्ट्र को विश्वास में लेकर, सहमति बनाकर राष्ट्रनीति होनी चाहिए।

उन्होंने सरकार को चेताया कि वो किसी मुगालते में न रहे देश के किसान ने तो दिखा ही दिया और अब देश के जवान भी दिखा देंगे कि वो पीछे हटने वाले नहीं है। सरकार को हर हाल में अग्निपथ योजना वापस लेनी पड़ेगी। सरकार नकलची बंदर की तरह दूसरे देशों की नीतियों की नक़ल कर भारत पर थोप रही है। उसे समझना पड़ेगा कि इजरायल की परिस्थितियाँ भारत में लागू नहीं हो सकती।

किसी दूसरे देश में फ़ौज में भर्ती होना युवाओं के जीवन का पहला लक्ष्य नही होता जैसे भारत में किसान-गरीब के घर पैदा हुए युवा का होता है। लेकिन भाजपा सरकार की नीतियों से तय हो गया है कि ग्रामीण अंचल, किसान-मजदूर और मिडिल क्लास की आशाओं, आकांक्षाओं से सरकार का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है, सरकार उनको कुछ समझ ही नहीं रही है। हिन्दुस्तान में हिन्दुस्तान और यहाँ के लोगों के अनुकूल ही नीतियाँ लागू होंगी।








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