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Yamunanagar - प्रदेश के सभी नेशनल व राज्य हाईवे पर नही दिखाई दें गन्दगी - पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए अधिकारी करें अपने-अपने क्षेत्र में काम - जस्टिस प्रीतम पाल

प्रदेश के सभी नेशनल व राज्य हाईवे पर नही दिखाई दें गन्दगी, पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए अधिकारी करें अपने-अपने क्षेत्र में काम, सभी के सहयोग से होगी सफाई व्यवस्था सुनिश्चित-जस्टिस प्रीतम पाल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने ली जिला निगरानी समिति की बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश



यमुनानगर | NEWS - नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने कहा कि प्रदेश जहां पर सफाई के मामले में बेहतर कार्य कर रहा है वहीं दूसरी ओर सड़कों पर गंदगी दिखाई दे रही है, यह ठीक नही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित कर ले कि प्रदेश के सभी नेशनल हाईवे व राज्य हाईवे पर कही भी गंदगी नही दिखाई दे।

जस्टिस प्रीतम पाल सोमवार को जिला सचिवालय के सभागार में जिला निगरानी समिति की बैठक में सभी विभागों से एनजीटी के आदेशों पर किए जा रहे कामों की रिपोर्ट ली। इस मौके पर विशेषज्ञ डॉ. बाबू राम ने एजेण्डे के अनुसार जानकारी ली तथा एनजीटी के सदस्य पूर्व मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी ने भी विडियों कांफ्रैंसिंग के माध्यम से जुड़कर जिले में पर्यावरण को लेकर किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की। जस्टिस प्रीतम पाल ने बताया कि यमुनानगर में कार्य बेहतर चल रहा है, वह अधिकारियों से खुश है परंतु और बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को कहा कि वह डम्पिंग स्थान पर ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण करें ताकि लोगों को गंदगी दिखाई न दें और इस क्षेत्र का सौंदर्यकरण भी करें।


जस्टिस प्रीतम पाल ने उपायुक्त को कहा कि वह सरकारी अस्पतालों व प्राईवेट अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें यदि कही पर कमी दिखाई देती है तो उनके खिलाफ कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि उनका मकसद एक ही है कि प्रदूषण को कम करके पर्यावरण को बढ़ावा मिले इसके लिए उन्होंने बैठक में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, फैक्ट्ररी का प्रदूषण, खनन से प्रदूषण, घरों से निकलने वाली डस्ट, ध्वनि प्रदूषण, गांव के तलाबों के प्रदूषण, सड़कों पर पड़ी गंदगी का प्रदूषण, सिवरेज का प्रदूषण, फसलों के अवशेषों से होने वाले प्रदूषण के प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा की, अधिकारियों ने इसके बारे में विस्तार से बताया और कहा कि आने वाली 30 दिसम्बर तक और संतोषजनक प्रयास किए जाएगे। 

जस्टिस ने जिले में कचरा प्रबंधन को लेकर विशेष विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों की भागीदारी सबसे ज्यादा जरूरी है। जिला प्रशासन व जनता साथ मिलकर चलेंगे तो ही इस काम में सफलता हासिल हो पाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी शहर में कचरा या साफ-सफाई नहीं है तो लोग इसके बारे में अधिकारियों को सूचना दें। इसके बाद अधिकारियों को चाहिए कि वे इस पर तुरंत कार्रवाई करें। सभी साथ मिलकर चलेंगे तभी शहर साफ रह सकेगा। 

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने जस्टिस प्रीतम पाल को आश्वासन दिलाया कि जिले में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे है और जो भी बैठक में आदेश दिए गए है उनकी अनुपालना की जाएगी और बेहतर कार्य जिले में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला स्तर की टास्क फोर्स प्रति माह बैठक करके जिले में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। समय-समय पर यह टीम खनन के भंडारण की जांच कर रही है वहीं प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए चालान काट रही है। 


सामान्य अस्पताल यमुनानगर के ट्रामासैंटर का किया निरक्षण 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने निगरानी कमेटी की बैठक के बाद सामान्य अस्पताल यमुनानगर के ट्रामासैंटर का दौरा किया। इस दौरे के दौरान डॉक्टरो की टीम को निर्देश दिए कि बॉयोमैडिकल वेस्ट का ठीक प्रकार से निषपादन करे। इसके बाद जस्टिस ने पश्चिमी यमुना नहर व जिंदल पार्क के पास गंदगी के ढेर की सफाई व पानी की निकासी के लिए नगरनिगम के अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके उपरांत जे.के. रेजिडैन्सी होटल के सामने नियो मैडिकेयर अस्पताल में जाकर बॉयोमैडिकल वेस्ट के प्रबंधन की जानकारी ली और सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए।


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