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Radaur- संस्कार सबसे मंहगी वसीयत


बच्चों को संस्कार देने से चूक गए तो हमें उनकी जिंदगी को अंधकार में धकेल कर जाएगें, क्योंकि संस्कारों से वह पैसा तो कमा सकता है लेकिन पैसे से संस्कार नहीं खरीद सकता



रादौर, डिजिटल डेक्स।। संस्कार सबसे मंहगी वसीयत होती है। जिसे हमें अपने बच्चों को अवश्य देना चाहिए। अगर हम कुछ दौलत कम देकर बच्चों को जाएगें तो उससे कोई ज्यादा फर्क बच्चों की जिंदगी में पडऩे वाला नहीं है लेकिन अगर हम बच्चों को संस्कार देने से चूक गए तो हमें उनकी जिंदगी को अंधकार में धकेल कर जाएगें।

क्योंकि संस्कारों से वह पैसा तो कमा सकता है लेकिन पैसे से संस्कार नहीं खरीद सकता। यह शब्द संत निरंकारी मिशन की ओर से आयोजित सत्संग में फ्रैंकफोट जर्मनी के प्रमुख राजकुमार कांबोज ने कहे। वह इन दिनों अपने पैतृक गांव अलाहर में पहुंचे हुए है। 

राजकुमार कांबोज ने कहा कि आज समाज में मनुष्य का चरित्र काफी गिर चुका है। जिससे अपराध भी बढ़ रहे है और परिवारों में कटूता भी बढ़ती जा रही है। यह सब संस्कारों की कमी का नतीजा है। हम अपने बच्चों को संस्कार देने से चूक रहे है। बच्चे केवल मोबाइल टीवी तक सीमित रह चुके है। 

हमारे पास अपने बच्चों के साथ बैठकर दो मिनट बात करने का भी समय नहीं है। जिससे बच्चों को हमारे संस्कार नहीं मिल पा रहे है। संस्कारों की कमी के अभाव में बच्चे न तो परिवार न रिश्तों और न ही समाज की अहमियत को समझ पा रहे है। 

यही कारण है कि आज न तो बच्चे अपने माता पिता, न शिक्षक न किसी रिश्तेदार और ही समाज के अन्य लोगों का सम्मान कर रहे है। वह नशे जैसी बुरी आदतों की ओर बढ़ जाते है और फिर वह अपराध करने से भी नहीं चूकते। हमें अगर बच्चों को इन सबसे बचाना है तो उसमें संस्कार भरने होगें। तभी समाज को भी एक नई दिशा दी जा सकेगी।


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