अपने पिता की पेंशन पाने के लिए ज्योति नारंग पिछले 2 साल से यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रही थी, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी !
कुरुक्षेत्र, डिजिटल डेक्स।। लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए सीएम विंडो काफी समय से लोगों की समस्याओं का निपटारा कर उन्हें इंसाफ दिलाने का काम कर रही है। इसी कड़ी में सीएम विंडो के एलिमेंट पर्सन प्रदीप झांब ने बताया कि एक शिकायत कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से आई थी।
A daughter got justice at CM window
शिकायत के अनुसार कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से सुपरिटेंडेंट के पद से 31 अक्टूबर 2002 को रिटायर हो चुके एसके नारंग जिनकी मृत्यु गत 15 अगस्त 2020 को चुकी है। शिकायत में पाया गया कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी पेंशन उनकी बेटी ज्योति नारंग को मिलनी थी।
लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा यह पेंशन उन्हें नहीं दी गई। अपने पिता की पेंशन पाने के लिए ज्योति नारंग पिछले 2 साल से यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रही थी। लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी।
ज्योति नारंग ने बताया कि उसके पिता ने उसे अपना नॉमिनी बनाया हुआ था, जिसके मुताबिक उसके पिता की मृत्यु के बाद वह पेंशन पाने की हकदार थी। परन्तु यूनिवर्सिटी प्रशासन इस बात को नकारता रहा। ज्योति ने बताया कि उसके पति से उसका तलाक हो चुका है। उसकी दो बेटियां भी हैं।
उसका व उसके दोनों बच्चों का पालन पोषण उसके पिता पर आधारित था। जिसके चलते उसके पिता एसके नारंग ने उसे अपना नॉमिनी बनाया था। लेकिन पिता की मृत्यु होने के बाद जो पेंशन उसे मिलनी चाहिए थी वह उसे नहीं मिल पा रही थी।
थक हारकर उसने सीएम विंडो पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। प्रदीप झांब ने बताया कि उनकी शिकायत की जांच पड़ताल करने के उपरांत दिसम्बर 2022 में उसकी पैंशन बहाल करा दी गई है। ज्योति नारंग ने मुख्यमंत्री द्वारा सीएम विंडो खोलने का आभार प्रकट किया।
प्रदीप झांब ने बताया कि 5 जनवरी से अब तक सीएम विंडो पर बैठक में 90 शिकायतें आई थीं। जिनमें यूनिवर्सिटी केयूके, पुलिस विभाग, पीडब्ल्यूडी, एजुकेशन विभाग, पंचायत विभाग, अर्बन कोआपरेटिव विभाग, एडीसी कार्यालय, बीडीओ ऑफिस आदि की कुल 90 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 65 शिकायतों का मौके पर निपटारा किया गया जबकि 25 शिकायतें अभी पैंडिंग हैं।
प्रदीप झांब ने बताया कि 5 जनवरी से अब तक सीएम विंडो पर बैठक में 90 शिकायतें आई थीं। जिनमें यूनिवर्सिटी केयूके, पुलिस विभाग, पीडब्ल्यूडी, एजुकेशन विभाग, पंचायत विभाग, अर्बन कोआपरेटिव विभाग, एडीसी कार्यालय, बीडीओ ऑफिस आदि की कुल 90 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 65 शिकायतों का मौके पर निपटारा किया गया जबकि 25 शिकायतें अभी पैंडिंग हैं।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए कि शिकायतकर्ता को अपने साथ लेकर आएं ताकि उनका पक्ष सुना जा सके। उन्होंने कहा कि लोग पहले संबंधित विभाग में अपनी शिकायत लेकर जाते थे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती थी। लोगों बहुत अधिक चक्कर लगाने पड़ते थे।
जब से हरियाणा सरकार द्वारा सीएम विंडो की स्थापना की है लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। क्योंकि सीएम विंडो पर आई शिकायतों का सीएम विंडो द्वारा नियुक्त गए एमीनेट पर्सन द्वारा सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शुक्रवार को सर्किट हाऊस में बैठक बुलाकर तुरंत शिकायतों का निवारण किया जाता है। उन्होंने शिकायतकर्ताओं से कहा कि शिकायत की सुनवाई के समय संबंधित अधिकारी को अपने साथ लेकर आएं ताकि।