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Karnal : चिन्हित अपराधों की समीक्षा के लिए उपायुक्त ने की मासिक बैठक, एसपी गंगाराम पुनिया, जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैन रहे मौजूद

चिन्हित किए गए संगीन अपराधों में संलिप्त अपराधियों को मिले सजा

अभियोजन पक्ष और जांच अधिकारी की ओर से न रहे कोई कमी

गवाहों की भी सुनिश्चित सुरक्षा रहे-अनीश यादव, उपायुक्त



करनाल | NEWS - चिन्हित किए गए संगीन अपराधों में संलिप्त अपराधियों को हर हाल में सजा मिले, इसके लिए अभियोजन पक्ष और जांच अधिकारी की ओर से कोई कमी न रहे तथा ऐसे मामलो में ग्वाह ना मुकरें, उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित रहनी चाहिए। यह बात चिन्हित अपराधों की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन एवं उपायुक्त अनीश यादव ने, कमेटी की मासिक बैठक में समीक्षा करते कही। जिला पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया, डिस्ट्रीक्ट अटॉर्नी डॉ. पंकज सैनी तथा सहायक जिला न्यायवादी बृज मोहन भी बैठक में मौजूद थे।


बैठक में जनवरी माह में न्यायालय से निपटाए गए चिन्हित अपराधों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने जिला न्यायावादी को निर्देश दिए कि जो लोग अपने ब्यानों से मुकर जाते है। उनके बारे में उचित कार्यवाही अमल में लाई जाए। इसके अलावा वैज्ञानिक व हालात से जुड़े जितने भी साक्ष्य है, उनकी एक कड़ी जोडक़र काम करें ताकि पुरजोर तरीके से सरकारी पक्ष को कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सके। उपायुक्त ने एससी/एसटी एक्ट, भ्रष्टाचार तथा महिलाओं के विरूद्ध आपराधिक मामलों को लेकर भी जिला न्यायावादी से मीटिंग में रिपोर्ट ली और उनकी समीक्षा की। उन्होंने डीए को निर्देश दिए कि ऐसे सभी केसों की पैरवी उचित ढंग से की जाए।


उपायुक्त ने सभी चिन्हित अपराधों की एक-एक करके समीक्षा की। जिला न्यायावादी से प्रत्येक केस से जुड़े ग्वाहों की ग्वाही को लेकर जानकारी ली। डीए ने बताया कि चिन्हित अपराधों के 33 मामलों में से 29 में आरोपी बरी हुए है, जबकि 4 में आरोपियों की सजा हुई है। इसके अलावा 3 मामलों में पुनर्विचार के लिए अपील प्रस्तावित है। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि केसों में अभियोजन पक्ष के ग्वाहों की ग्वाही जल्द से जल्द पूरी करवाएं।


उन्होंने पुलिस अधीक्षक से कहा कि जिन मामलों में पुलिस की लापरवाही प्रतीत होती है, उनकी समीक्षा की जाए और दोषी के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाए। मीटिंग में एनडीपीएस के तीन केसों की भी समीक्षा की गई। डीए ने बताया कि दो में आरोपियों को सजा हुई है और एक में आरोपी बरी हुए है। इस पर उपायुक्त ने पुलिस अधीक्षक से कहा कि इस केस में जांच अधिकारी के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए। पुलिस अधीक्षक के कहने पर उपायुक्त ने, डायल 112 कर्मचारियों के साथ मारपीट करने वाले मामले को भी चिन्हित अपराध में शामिल करने को कहा।


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