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𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬: सूक्ष्म सिंचाई व प्राकृतिक खेती को अपनाएं किसान- मनोहर लाल

𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐜𝐚𝐥𝐥𝐞𝐝 𝐮𝐩𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐭𝐨 𝐣𝐨𝐢𝐧 𝐅𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐏𝐫𝐨𝐝𝐮𝐜𝐞𝐫 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 (𝐅𝐏𝐎𝐬) 𝐢𝐧 𝐥𝐚𝐫𝐠𝐞 𝐧𝐮𝐦𝐛𝐞𝐫𝐬 𝐬𝐨 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐚𝐠𝐫𝐢𝐜𝐮𝐥𝐭𝐮𝐫𝐚𝐥 𝐜𝐨𝐬𝐭𝐬 𝐜𝐚𝐧 𝐛𝐞 𝐫𝐞𝐝𝐮𝐜𝐞𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐜𝐚𝐧 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐠𝐞𝐭 𝐦𝐨𝐫𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐟𝐢𝐭. 𝐇𝐞 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐮𝐫𝐠𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐭𝐨 𝐚𝐝𝐨𝐩𝐭 𝐦𝐢𝐜𝐫𝐨 𝐢𝐫𝐫𝐢𝐠𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐝𝐫𝐢𝐩 𝐢𝐫𝐫𝐢𝐠𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐞𝐭𝐜.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों का आह्वान किया कि किसान एफपीओ से जुड़ कर खेती करें, ताकि उनकी कृषि लागत में कमी आए और उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हो सके। इसके अलावा, किसान सूक्ष्म सिंचाई, टपका सिंचाई इत्यादि प्रणाली को अपनाएं।

Haryana is among the top states in the country in terms of the formation of one FPO in every block

उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुसार आज किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक खेती से भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है और रासायनिक खाद पर निर्भरता न होने से उत्पादन लागत में भी कमी आती है और उत्पादन भी बढ़ता है।

मुख्यमंत्री आज किसान उत्पादक समूहों (एफपीओ) के किसानों से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद कर रहे थे।

मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को आधुनिक तकनीक प्रबंधन, भण्डारण, विपणन का ज्ञान प्रदान कर उनकी आय बढ़ाने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी, 2020 में किसान उत्पादक समूह की परिकल्पना की थी। 

देश में 10 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा गया था। हरियाणा के किसान भी इस योजना का अधिकतम लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश में 731 एफपीओ बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज इन एफपीओ की उपलब्धि से प्रेरणा प्राप्त कर अन्य किसान भी एफपीओ से जुड़ेंगे।

सरकार की ओर से एफपीओ को ग्रेडिंग, ब्रांडिंग सहित मिल रही वित्तीय सहायता... इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार किसानों के लिए हितकारी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। सरकार की ओर से एफपीओ को वित्तीय सहायता तथा उत्पादों की ग्रेडिंग, ब्रांडिंग से संबंधित अन्य कई प्रकार की सहायता होने पर किसानों पर आर्थिक बोझ तो कम हुआ ही और साथ ही उन्हें अपनी उपज का सही दाम भी मिलने लगा है।

अटेरना ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, जिला सोनीपत के जैनेंद्र चौहान ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके एफपीओ से 500 किसान जुड़े हुए हैं और वे बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले किसान आजादपुर मंडी में अपनी उपज बेचते थे, जहां उन्हें कम भाव मिलता था। परंतु एफपीओ से जुड़ने के बाद अब हम अपने उत्पाद विदेशों में भी बेचते हैं, जिससे किसानों को अधिक भाव मिलने के कारण सीधा लाभ हुआ है। 

इसके अलावा, पिहोवा वेजीटेबल्स फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, जिला कुरुक्षेत्र के अनुराग ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके साथ 300 किसान जुड़े हुए हैं, जो आलू की खेती करते हैं। अलग-अलग कंपनी से टाई-अप किया हुआ है, जिससे किसानों को लाभ हो रहा है। 

खारी सुरैरा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, जिला सिरसा के मनोज सिहाग ने भी बताया कि उनके साथ लगभग 300 किसान जुड़े हुए हैं और वे किन्नू और माल्टा की खेती करते हैं। बागवानी विभाग द्वारा ट्रांसपोर्टेशन पर भी सब्सिडी प्राप्त हुई है, जिससे देशभर में अपने उत्पाद बेचने में आसानी हुई है।

मुख्यमंत्री ने इन सभी से बात करते हुए कहा कि यदि भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो, सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है। सरकार की ओर से हर संभव मदद की जाएगी।

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एफपीओ से जुड़कर किसान बनें उद्यमी... मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने एफपीओ के माध्यम से पैक हाउस बनाकर उसमें अपनी उपज का भंडारण कर उसे खराब होने से बचा सकते हैं। साथ ही उपज की ग्रेडिंग और पैकेजिंग भी स्वयं करके न केवल बिचौलियों के शोषण से बचेंगे, बल्कि बाजार से भी सीधे जुड़ेंगे। साथ ही फसल सीजन समाप्त होने पर भी कृषि उत्पाद की आपूर्ति पैक हाउस से की जाती रहेगी और किसान को आय प्राप्त होती रहेगी। 

इससे भी आगे बढ़कर किसान विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद स्वयं तैयार कर सकते हैं, जैसे टमाटर की प्यूरी, अदरक - लहसुन का पेस्ट बनाना, सूखा प्याज इत्यादि। इस प्रकार किसान केवल पैदावार करने वाले किसान ही नहीं रहेंगे, बल्कि कृषि आधारित लघु उद्योग चलाने वाले उद्यमी बन जाएंगे ।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में ताजे फलों और सब्जियों की आपूर्ति के लिए काफी संभावनाएं मौजूद हैं। जिला यमुनानगर में हल्दी की पैदावार होती है। वहां हल्दी के उत्पाद तैयार किये जा सकते हैं। इसी प्रकार, जिला सिरसा में किन्नू और कुरुक्षेत्र में आलू, करनाल में सब्जियों व जिला सोनीपत में बेबीकॉर्न व मशरूम की भरपूर पैदावार होती है। 

उन्होंने कहा कि एफपीओ सहकारी क्षेत्र का आधुनिक स्वरूप है। हरियाणा में वीटा भी इसका एक उदाहरण है। सहकारी क्षेत्र की तरह एफपीओ में लगभग 300 किसान मिलकर काम करते हैं।

इसलिए अधिक से अधिक किसान एफपीओ से जुड़ें। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रगतिशील किसानों को अन्य प्रगतिशील किसान तैयार करने के लिए प्रेरित करना होगा इसके लिए सरकार प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

हर ब्लॉक में एक एफपीओ गठन के मामले में हरियाणा देश में शीर्ष राज्यों में शामिल... संवाद कार्यक्रम में बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ अर्जुन सैनी ने विभाग द्वारा एफपीओ को दी जा रही सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि हर ब्लॉक में एफपीओ गठन के मामले में हरियाणा और छत्तीसगढ़ को नंबर वन राज्य का दर्जा मिला है।

उन्होंने बताया कि एफपीओ को मदद और विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। 3 साल की अवधि के दौरान प्रत्येक नये एसएफएसी को 18 लाख रुपये की मदद व प्रबंधन सहायता प्रदान की जाती है। 

कलस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों को एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन के लिए 5 साल की अवधि के दौरान प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये का लागत भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में बागवानी विभाग को लगभग 750 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक गौरव गुप्ता उपस्थित थे।

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