हरियाणा को 7500 क्यूसिक के स्थान पर केवल मात्र 1500 क्यूसेक पानी ही मिल पा रहा है !
मुताबिक तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही पानी की डिमांड बढ़ने वाली है, इस लिए आने वाले दिनों में जल संकट खड़ा होने की आशंका जताई जा रही है !
हथनी कुंड बैराज पर यमुना नदी में पानी की उपलब्धता कम हो जाने के कारण हरियाणा को 𝟕𝟓𝟎𝟎 क्यूसिक के स्थान पर केवल मात्र 𝟏𝟓𝟎𝟎 क्यूसेक पानी ही मिल पा रहा है। इसी तरह यूपी को भी मांग से आधी से भी कम जलापूर्ति मिल पा रही है।
नदी का जल बहाव लगातार सीमेंट ताजा रहा है जो बड़ा चिंता का विषय है। मॉनसून सीजन के अलावा 𝟗 महीने नदी का जल बहाव 𝟓 से 𝟕 हजार क्यूसिक के लगभग ही रह जाता है।
इसी प्रकार दक्षिणी हरियाणा के क्षेत्रों से 𝟕𝟓𝟎𝟎 क्यूसिक पानी की मांग की जा रही है। जबकि हरियाणा का शेयर केवल मात्र 𝟏𝟒𝟖𝟑 क्यूसिक बन रहा है। दिल्ली राज्य को मांग के मुताबिक 𝟕𝟖𝟏 क्यूसिक पानी की आपूर्ति की जा रही है।
हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी का जल बहाव बनाए रखने के लिए 𝟑𝟓𝟐 क्यूसिक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही पानी की डिमांड बढ़ने वाली है। इस लिए आने वाले दिनों में जल संकट खड़ा होने की आशंका जताई जा रही है।
सिंचाई विभाग के हथनीकुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक बैराज पर गुरुवार सुबह 𝟏𝟎 नदी जल बहाव 𝟑𝟏𝟎𝟎 क्यूसिक दर्ज किया गया। गर्मी व बूंदाबांदी के बावजूद भी नदी जल बहाव पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। घटते जल बहाव के कारण राज्यों की नहरी पानी की मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
सिंचाई विभाग के मुताबिक यूपी राज्य से नहरी पानी की 𝟏𝟐𝟎𝟎 क्यूसिक पानी की मांग की जा रही है। जबकि उत्तर प्रदेश के हिस्से उपलब्ध पानी में से 𝟒𝟖𝟒 क्यूसिक पानी आ रहा है।
हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी का जल बहाव बनाए रखने के लिए 𝟑𝟓𝟐 क्यूसिक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही पानी की डिमांड बढ़ने वाली है। इस लिए आने वाले दिनों में जल संकट खड़ा होने की आशंका जताई जा रही है।