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𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬 : आज पूरे देश में खेती और किसान संकट में- भूपेंद्र हुड्डा

𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐠𝐫𝐢𝐜𝐮𝐥𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐫𝐨𝐮𝐛𝐥𝐞 𝐚𝐥𝐥 𝐨𝐯𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏 𝐡𝐚𝐝 𝐩𝐫𝐨𝐦𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐝𝐨𝐮𝐛𝐥𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐛𝐲 𝟐𝟎𝟐𝟐, 𝐛𝐮𝐭 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐞𝐚𝐝 𝐨𝐟 𝐢𝐧𝐜𝐫𝐞𝐚𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬, 𝐢𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐢𝐧𝐜𝐫𝐞𝐚𝐬𝐞𝐝 𝐢𝐧𝐩𝐮𝐭 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝐝𝐞𝐛𝐭 𝐦𝐚𝐧𝐢𝐟𝐨𝐥𝐝.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। आज पूरे देश में खेती और किसान संकट में हैं। बीजेपी ने 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना दिखाया था लेकिन उसने किसानों की आय की बजाए उसकी लागत और कर्जा कई गुना बढ़ा दिया। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह का। 

देश में कृषि व किसानों की हालात को लेकर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे हुड्डा ने कहा कि यह योजना किसानों की बजाए बीमा कंपनियों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। क्योंकि फसल खराबे के समय किसान मुआवजे का इंतज़ार करते रहते हैं और कंपनियां मोटा मुनाफा कूटती हैं। 

हरियाणा में पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा अबतक किसानों को नहीं मिला। इस योजना के जरिए अबतक बीमा कंपनियां पूरे देश में 𝟒𝟎 हजार करोड़ का लाभ कमा चुकी हैं।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन में पार्टी ने संकल्प लिया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सभी कमियों को दूर कर इसको नया स्वरूप दिया जाएगा। बीमा योजना का संचालन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जो कि 'नो-प्रॉफिट, नो-लॉस' के सिद्धांत पर काम करेंगी। रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम किया जाएगा । साथ ही इसका लाभ भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को भी दिया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों को ना मुआवजा मिल रहा है और ना एमएसपी। इसी सीजन में किसानों को अपनी सरसों और गेहूं को एमएसपी से कम रेट पर बेचने पड़ रहे हैं। उन्होंने खुद मंडियों का दौरा करके किसानों का दर्द जाना।

𝟐𝟎𝟏𝟖-𝟏𝟗 के बजट में सरकार ने टॉप (𝐓𝐎𝐏- 𝐓𝐨𝐦𝐚𝐭𝐨, 𝐎𝐧𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐏𝐨𝐭𝐚𝐭𝐨) स्कीम का ऐलान किया था ताकि टमाटर, प्याज और आलू जैसी सब्जियां उगाने वाले किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके। लेकिन आज पंजाब के किसानों की शिमला मिर्च, मध्य प्रदेश के किसानों का टमाटर, महाराष्ट्र के किसानों की प्याज और हरियाणा के किसानों का आलू बूरी तरह पिट रहा है। 

पिछले दिनों उन्होंने खुद कुरुक्षेत्र की मंडी का दौरा किया तो किसानों ने उन्हें बताया कि उनका आलू आज 𝟓𝟎 पैसे प्रति किलो के रेट पर पिट रहा है। जबकि उसे उगाने की लागत ₹𝟓-𝟔 प्रति किलो है। इसी तरह आज सरसों किसानों को भी एमएसपी नहीं मिल पा रही है। किसान अपनी फसल को एमएसपी से 𝟏𝟎𝟎𝟎-𝟏𝟓𝟎𝟎 रुपए कम रेट पर बेचने के लिए मजबूर है।

“In the budget of 2018-19, the government had announced TOP (Tomato, Onion and Potato) scheme to benefit the farmers who grow vegetables like tomato, onion and potato, but today the tomatoes of the farmers of Madhya Pradesh, the onions of the farmers of Maharashtra and the potatoes of the farmers of Haryana are bringing only grief to the farmers. Farmers in Punjab are forced to throw their capsicum on the roads because prices have crashed to Re 1 per kg ,” he said. 

He recounted that recently, when he himself visited the market of Kurukshetra, the farmers told him that today his potato is being beaten at the rate of 50 paise per kg. While the cost of growing it is ₹ 5-6 per kg. Similarly today mustard farmers are also not getting MSP. The farmer is forced to sell his crop at a rate 1000-1500 rupees less than the MSP. 

यहीं हाल गेहूं का है। ऊपर से बेमौसमी बारिश के चलते हुए लस्टर लॉस पर सरकारी खरीद एजेंसियों से गेहूं के रेट में भारी भरकम वैल्यू कट लगाने का फैसला लिया है। जबकि सरकार को ये वैल्यू कट खुद वहन करना चाहिए और किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपये का बोनस देना चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले पर किसानों को एमएसपी देने का वादा करके सत्ता में आई थी। किसान आंदोलन के समय सरकार ने एमएसपी की लीगल गारंटी के लिए एक कमेटी बनाई थी, आज उनका कोई अता-पता नहीं है। सच्चाई यह है कि किसानों को एमसपी देने के मामले में मौजूदा सरकार कांग्रेस के सामने दूर-दूर तक कहीं नहीं ठहरती।

उदहारण के तौर पर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में धान की एमएसपी में मात्र 𝟔% सालाना की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि कांग्रेस कार्यकाल में 𝟏𝟐.𝟔 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होती थी। इसी तरह गेहूं की एमएसपी में आज 𝟓.𝟓 प्रतिशत सालाना बढ़ोत्तरी हो रही है, जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान ये बढ़ोत्तरी 𝟏𝟐.𝟐 प्रतिशत थी। 

अरहर के रेट में मौजूदा सरकार द्वारा सिर्फ 𝟓.𝟖 प्रतिशत तो कांग्रेस द्वारा 𝟐𝟏.𝟔 प्रतिशत और मूंग के दाम में बीजेपी सरकार द्वारा 𝟓.𝟖 प्रतिशत तो कांग्रेस सरकार द्वारा 𝟐𝟐.𝟖 प्रतिशत सालाना की बढ़ोत्तरी की गई। किसानों की हालत इतनी ख़राब है कि आज किसान मात्र 𝟐𝟕 रुपये प्रतिदिन कमा रहा है।

He said that during the tenure of the present government, the MSP of paddy has increased only by 6% annually, whereas during the Congress tenure there was an increase of 12.6 percent. “Similarly, today the MSP of wheat is increasing by 5.5 percent annually, whereas during the Congress government this increase was 12.2 percent. Arhar's rate was increased by only 5.8 percent by the present government and 21.6 percent by the Congress and Moong by 5.8 percent by the BJP government and 22.8 percent by the Congress government annually. The condition of the farmers is so bad that today the farmer is earning only Rs.27 per day,” he stated.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए कांग्रेस उनको स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी देगी। कांग्रेस का मानना है कि एमएसपी की दायरे को और बढ़ाकर अन्य फसलों पर भी लागू किया जाना चाहिए। अदरक, लहसुन, हल्दी, मिर्च से लेकर बागवानी तक सभी कृषि उत्पादों को गारंटीशुदा कीमत मिलनी चाहिए।

हुड्डा ने किसानों पर खतरनाक रूप से बढ़ते जा रहे कर्ज के बोझ को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। बीजेपी सरकार के दौरान किसानों पर कुल बकाया कर्ज 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 में बढ़कर ₹𝟐𝟑.𝟒𝟒 लाख करोड़ हो चुका है, जो कि 𝟑𝟏 मार्च, 𝟐𝟎𝟏𝟒 तक ₹𝟗.𝟔𝟒 लाख करोड़ था। यूपीए सरकार ने 𝟐𝟎𝟎𝟕 में किसानों के लिए ₹𝟕𝟐,𝟎𝟎𝟎 करोड़ की कर्ज माफी योजना को लागू किया था। 

कांग्रेस की राज्य सरकारें लगातार किसानों को कर्ज मुक्ति दिलाने की दिशा मे काम कर रही हैं। लेकिन बीजेपी सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल, खाद, बीज, दवाई व खेती उपकरणों पर टैक्स लगाकर किसानों की लागत बढ़ा रही है।

The former Haryana Chief Minister and farmer leader expressed deep concern over the alarming increase in the debt burden on the farmers. “During the BJP government, the total outstanding loan on farmers has increased to ₹23.44 lakh crore in 2021-22, from ₹9.64 lakh crore as on March 31, 2014. The UPA government implemented a ₹72,000 crore loan waiver scheme for farmers in 2007. Congress state governments are constantly working towards getting the farmers debt free, but the BJP government is continuously increasing the cost of farmers by imposing taxes on petrol-diesel, fertilizers, seeds, medicines and farming equipment,” he stated. 

हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करने में फेल साबित हुई है। खेती से जुड़ी बजट में भी लगातार कटौती की जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट को ₹𝟔𝟖,𝟎𝟎𝟎 करोड़ से घटाकर ₹𝟔𝟎,𝟎𝟎𝟎 करोड़ कर दिया गया। 

इसी तरह पीएम फसल बीमा योजना के लिए आवंटन 𝟏𝟓,𝟎𝟎𝟎 करोड़ से घटाकर इस साल 𝟏𝟑,𝟔𝟐𝟓 करोड़ रुपया कर दिया है। एफसीआई को मिलने वाली खाद्य सब्सिडी 𝟐.𝟏𝟒 लाख करोड़ से घटाकर 𝟏.𝟑𝟕 लाख करोड़ कर दी गई। 

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य सब्सिडी 𝟕𝟐,𝟎𝟎𝟎 करोड़ से घटाकर 𝟓𝟗,𝟕𝟗𝟑 करोड़ कर दी गई है। मनरेगा के बजट को 𝟕𝟑,𝟎𝟎𝟎 करोड़ से घटाकर 𝟔𝟎,𝟎𝟎𝟎 करोड़ कर दिया गया है।

Hooda also pointed out that the BJP government has failed to fulfill its promise of doubling farmers' income by 2022 and that the budget related to agriculture is also being cut continuously. “The budget of Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana was reduced from ₹68,000 crore to ₹60,000 crore. Similarly, the allocation for PM Fasal Bima Yojana has been reduced from Rs 15,000 crore to Rs 13,625 crore this year. The food subsidy received by FCI was reduced from 2.14 lakh crore to 1.37 lakh crore. Food subsidy under the Food Security Act has been reduced from 72,000 crores to 59,793 crores. The budget of MNREGA has been reduced from 73,000 crores to 60,000 crores,” he stated. 

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