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𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬: भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंकड़ों के जरिए पेश किया सभी सरकारों की एमएसपी का लेखा-जोखा

Former Chief Minister and Leader of Opposition Bhupinder Singh Hooda has said that a government of PP model, police and portal, is running in Haryana. Instead of fulfilling their responsibility, BJP-JJP is only busy in running portals to trouble the public and getting police to lathis charge the public.

“It is the responsibility of the government to give proper rates to the farmers for their crops. But in the current government, the farmers demanding MSP are continuously being tortured. The brutality done by the government on sunflower farmers in Shahabad is unfortunate,” he said.

By, Rahul Sahajwan
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा में पीपी मॉडल यानी पुलिस और पोर्टल की सरकार चल रही है। अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाए बीजेपी-जेजेपी सिर्फ जनता को परेशान करने वाले पोर्टल चलाने और जनता पर पुलिस की लाठियां चलवाने में व्यस्त है। 

PP model, police and portal government is running in the state- Hooda

सरकार की जिम्मेदारी किसानों को उसकी फसलों का उचित रेट देना होता है। लेकिन मौजूदा सरकार में एमएसपी मांगने वाले किसानों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। शाहबाद में सूरजमुखी के किसानों पर सरकार द्वारा की गई बर्बरता दुर्भाग्यपूर्ण है। 

जो सरकार किसानों की आय दोगुना करने का वादा करती थी, उसने किसानों की लागत को कई गुणा बढ़ा दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रत्येक फसल की एमएसपी में जो बढ़ोत्तरी होती थी, उसमें भी कटौती की गई।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-इनेलो से लेकर कांग्रेस और बीजेपी-जेजेपी की सरकारों में हुई एमएसपी में सालाना औसतन बढ़ोत्तरी का ब्यौरा पत्रकारों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि 𝟏𝟗𝟗𝟗 से लेकर 𝟐𝟎𝟎𝟒 तक भाजपा-इनेलो गठबंधन की सरकार के दौरान धान के रेट में सिर्फ 𝟏𝟒% वृद्धि यानी सालाना 𝟐.𝟑% की बढ़ोत्तरी हुई। 

बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के 𝟗 साल में धान की एमएसपी में सिर्फ 𝟓𝟒.𝟏% यानी 𝟔% सालाना बढ़ोत्तरी हुई। इन सबके मुकाबले कांग्रेस सरकार के दौरान 𝟐𝟎𝟎𝟓 से 𝟐𝟎𝟏𝟒 तक धान की एमएसपी में कुल 𝟏𝟒𝟑 प्रतिशत यानी सालाना 𝟏𝟒.𝟑 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इसी तरह गेहूं की एमएसपी को इनेलो-भाजपा गठबंधन सरकार ने कुल 𝟏𝟎.𝟑 % यानी सालाना 𝟏.𝟕% ही बढ़ाया। भाजपा और गठबंधन सरकार ने गेंहू की एमएसपी को सिर्फ 𝟑𝟗.𝟑% यानी सालाना 𝟒.𝟑𝟎% ही बढ़ाया। इनके मुकाबले कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कुल 𝟏𝟐𝟔% यानी सालाना 𝟏𝟐.𝟕% की वृद्धि की।

चने की बात की जाए तो इनेलो-बीजेपी की सरकार में कुल वृद्धि 𝟑𝟗.𝟓% यानी सालाना 𝟔.𝟓% हुई। बीजेपी और गठबंधन सरकार में कुल वृद्धि 𝟓𝟐% यानी सालाना 𝟓.𝟕% हुई। जबकि कांग्रेस शासन में कुल वृद्धि 𝟏𝟐𝟑% यानी सालाना 𝟏𝟐.𝟑% हुई। 

अरहर के दाम में इनेलो-भाजपा सरकार ने महज 𝟐𝟓.𝟕% यानी सालाना 𝟒.𝟐𝟕% की बढ़ोत्तरी की। भाजपा और गठबंधन सरकार ने अरहर के रेट में कुल 𝟓𝟏.𝟑% यानी सालाना 𝟓.𝟕% वृद्धि की। कांग्रेस के शासन में अरहर की एमएसपी में कुल वृद्धि 𝟐𝟏𝟑% हुई जो सालाना 𝟐𝟏.𝟑% बनती है।

मूंग के भाव में बीजेपी-इनेलो सरकार ने कुल 𝟐𝟕.𝟔% की बढोतत्तरी की जो सालाना 𝟒.𝟔% है। बीजेपी व गठबंधन ने मूंग के रेट में कुल 𝟕𝟔.𝟒% यानी सालाना 𝟖.𝟒% बढ़ोत्तरी की। कांग्रेस के शासन में कुल 𝟐𝟎𝟑% यानी सालाना 𝟐𝟎.𝟑% बढ़ोत्तरी हुई।

उड़द के भाव में इनेलो और भाजपा गठबंधन में 𝟐𝟕.𝟔% वृद्धि हुई जो सालाना 𝟒.𝟔% थी। भाजपा और गठबंधन सरकार में कुल 𝟓𝟎.𝟐% यानी सालाना 𝟔% बढोत्तरी हुई। वहीं, कांग्रेस ने 𝟐𝟎𝟗% यानी सालाना 𝟐𝟎.𝟗% बढ़ोत्तरी की थी।

गन्ने के रेट में भाजपा और इनेलो गठबंधन सरकार में कुल 𝟐𝟑.𝟏% और सालाना 𝟑.𝟖% बढ़ोत्तरी हुई थी। बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार में कुल 𝟏𝟔.𝟕% यानी सालाना 𝟏.𝟖% बढ़ोत्तरी हुई।

जबिक कांग्रेस के शासन में कुल 𝟏𝟔𝟒% यानी सालाना 𝟏𝟔.𝟒% की बढ़ोत्तरी हुई थी। भाजपा और गठबंधन सरकार में बाजरे का रेट 𝟏𝟎𝟎% यानी सालाना औसतन 𝟏𝟏% बढ़ा। जबकि कांग्रेस के शासन में कुल 𝟏𝟒𝟐% और सालाना 𝟏𝟒.𝟐% बढ़ोत्तरी हुई।

मक्के की एमएसपी में बीजेपी और गठबंधन सरकार ने कुल 𝟓𝟗.𝟓% यानी सालाना 𝟔.𝟔% की बढोत्तरी की। जबकि कांग्रेस ने कुल 𝟏𝟒𝟗.𝟓% और सालाना औसतन 𝟏𝟒.𝟗% वृद्धि की। सूरजमुखी के रेट की बात की जाए तो कांग्रेस ने कुल 𝟏𝟕𝟗.𝟖% यानी सालाना औसतन 𝟏𝟕.𝟗% वृद्धि की। 

जबकि भाजपा और गठबंधन सरकार ने सिर्फ 𝟖𝟎.𝟐% यानी सालाना 𝟖.𝟗% बढोत्तरी ही की। ज्वार के भाव में कांग्रेस ने कुल 𝟏𝟗𝟕% और सालाना 𝟏𝟗.𝟕% बढ़ोत्तरी की। जबकि बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने कुल 𝟏𝟎𝟕.𝟖% और सालाना 𝟏𝟏.𝟗% ही बढ़ोत्तरी की।

हुड्डा ने कहा कि किसानों को एमएसपी देने के मामले में बीजेपी-जेजेपी और बीजेपी-इनेलो की सरकारें कांग्रेस के मुकाबले कोसों पीछे हैं। कांग्रेस ने किसानों को फसलों का उचित रेट देने के साथ उन्हें सस्ता ईंधन, लोन माफी और सब्सिडी उपलब्ध करवाई। 

लेकिन बीजेपी ने खाद, बीज, दवाईयों से लेकर ट्रैक्टर पार्ट्स तक पर भारी भऱकम टैक्स थोप दिया। यही वजह कि आज किसानों को सड़कों पर उतरकर संघर्ष करना पड़ रहा है।

पत्रकारों के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि किसानों के साथ प्रत्येक वर्ग मौजूदा सरकार से परेशान हो चुका है। बीजेपी-जेजेपी को इस बात का अहसास हो चुका है कि जनता गठबंधन को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है। 

इसलिए दोनों दल अब अलग-अलग होने के बहाने ढूंढ़ रहे हैं। अब दोनों दलों की कोशिश है कि जनता की नाराजगी का ठीकरा एक-दूसरे के सिर पर फोड़ा जाए और एक बार फिर जनता को बरगलाने की कोशिश की जाए। 

लेकिन, हरियाणा की जनता इस सियासी ड्रामे को अब समझ चुकी है। जनता को पता है कि उसके साथ बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर धोखा किया है और दोनों ही दलों ने जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने का काम किया है। जनता चुनाव में दोनों को करारा सबक सिखाएगी।

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