पिछले दिनों कई जगहों पर आई थी गंदे पानी की समस्या, 15 दिन पहले लिए गए थे सैंपल- एसडीओ
रादौर, डिजिटल डेक्स।। कस्बे में पीलिया के मामले लगातार बढ़ रहे है। छोटे बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोग इसकी चपेट में आ रहे है। नीजि अस्पतालों की बात करे तो हर दिन एक मरीज इस रोग से ग्रस्ति पाया जा रहा है।
इस रोग के फैलने का पहला मुख्य कारण गंदा पानी माना जाता है। ऐसे में रोग न फैले इसको लेकर स्वास्थय विभाग व जन स्वास्थय अभियांत्रिकी दोनों विभागो की जिम्मेंदारी बढ़ जाती है।
लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में प्रशासन की यह ढील लोगों के लिए खतरे की घंटी बजा सकती है।
हालांकि अब दोनों विभागो के अधिकारी मामले को लेकर जल्द ही पानी के सैंपल करवाने का दावा कर रहे है।
पिछले दिनों कई जगहों पर आई थी गंदे पानी की समस्या
पिछले दिनों कई जगहों पर आई थी गंदे पानी की समस्या
कस्बे में पिछले दिनों कई जगह गंदे पानी की शिकायतें सामने आई थी। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। मामले की शिकायत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को किए जाने के बाद विभाग की ओर से कुछ जगहों पर पानी के सैंपल लिए भी गए थे।
लेकिन जांच में कैलोरिन की मात्रा प्रर्याप्त मिलने के बाद विभाग ने अपनी जांच को आगे नहीं बढ़ाया। लोगों का कहना है कि कई बार पानी से गंदी बदबू आती है। जिससे उन्हें इस समस्या का पूर्ण रूप से समाधान न होने का शक है।
कहीं न कहीं अभी भी कुछ गडबड़ है। जिससे पानी में इस प्रकार की समस्या आ रही है और पीलियां जैसी बिमारी का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
पीलिया के हो सकते है कई कारण- एसएमओ
पीलिया के हो सकते है कई कारण- एसएमओ
मामले को लेकर जब प्रवर चिकित्सा अधिकारी डा. विजय परमार से बात की गई तो उन्होने बताया कि पीलिया होने के कई कारण हो सकते है। लेकिन अगर एक स्वस्थ्य व्यक्ति को सीधे पीलियां हो रहा है तो गंदा पानी इसका एक मुख्य कारण हो सकता है।
हालांकि कई ऐसी बिमारी भी है जिनके बढऩे से पीलियां होता है। उनके विभाग की ओर से जल्द ही कस्बे में अलग अलग जगहों से पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई जाएगी। अगर समस्या अधिक सामने आती है तो इसको लेकर वह संबंधित विभाग को एक्शन लेने के लिए निर्देश जारी करेगें।
15 दिन पहले लिए गए थे सैंपल- एसडीओ
15 दिन पहले लिए गए थे सैंपल- एसडीओ
जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग के एसडीओ रवि नायक ने बताया कि पिछले दिनों कई जगहों से गंदे पानी की शिकायतें जरूर मिली थी। जिसको लेकर करीब 15 दिन पहले पानी के सैंपल लेकर लैब में भेजे गए थे। जहां कैलोरिन की मात्रा प्रर्याप्त मिली थी।
अगर कैलोरिन की मात्रा सही नहीं पाई जाती तो उसके बाद विभाग बैक्टीरिया की जांच करवाता। अगर दोबारा इस प्रकार की समस्या आ रही है तो वह जल्द ही इसको लेकर एक जांच अभियान चलाएगें और पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई जाएगी। ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके।
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