कस्बे में चल रही रामलीला में ताड़का वध एवं वृतांत का सजीव मंचन किया !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। गांव जठलाना में श्री रामकृष्ण रामलीला मंच की ओर से आयोजित करवाई जा रही रामलीला में ताड़का वध का मंचन किया गया। जिसमें कलाकारों ने अपने अभिनय के माध्यम से इस वृतांत का सजीव मंचन किया।
उन्होंने दर्शाया कि राजा दशरथ अपने प्रिय मित्र व मंत्री आर्य सुमंत से वार्तालाप करते है कि पिछली रात उन्हें एक भयानक स्वप्न आया कि हमारी प्रजा बिल्कुल भी ठीक नही है। कही गौ पर अत्याचार हो रहा है और कही पर यात्रियों को लूटा जा रहा है।
तब आर्य सुमंत उन्हें आश्वासन देते है कि राजन स्वप्न में तो कुछ भी हो सकता है। स्वप्न में एक पल में राजा तो एक पल में कंगाल हो सकते है। तब स्वप्न की बात का क्या विश्वास।
इसलिए आप किसी बात से परेशान न हो सब ठीक ही होगा। तब वहां पर ऋषि विश्वामित्र जी आते है और राजा दशरथ को अपनी व्यथा सुनाते है।
वह बताते है कि कैसे लुटेरों द्वारा यात्रियों को लूटा जा रहा है और ऋषियों पर अत्याचार हो रहे। तब राजा एक दम आक्रोश में आते है और कहते है मेरे होते हुए मेरे राज्य में इतने अत्याचार नहीं हो सकते। मैं अभी जाता हूं सबको सबक सिखाता हूं।
लेकिन विश्वामित्र जी उनको कहते है कि राम और लक्ष्मण अब युवा हो चुके है। उनके होते हुए आपको तकलीफ करने की क्या आवश्यकता है।
तब राजा दशरथ उन्हें कहते है कि वे तो अभी बच्चे है। तब विश्वामित्र जी उन्हें याद दिलाते की कैसे उनके क्षत्रिय वंश ने शत्रुओं का नाश किया है। तब राजा दशरथ को ऋषी वशिष्ठ समझाते है।
तब वह राम व लक्ष्मण को उनके साथ भेज देते है और जंगलों में जाकर राम व लक्ष्मण पहले राक्षसी ताड़का का वध कर देते है और फिर मारीच व सुबाहु नामक दो राक्षसों पर आक्रमण कर देते हैं। जिसमे सुबाहु मारा जाता है और मारीच वहां से भाग निकलता है।