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𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬 : श्रद्धा व उल्लास के साथ हुआ अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आगाज

अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आगाज








यमुनानगर DIGITAL DESK  ||   रविवार को आदि बद्री यमुनानगर में 31 कुंडीय हवन यज्ञ और मंत्रोच्चार के बीच अन्तर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2024 का पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ आगाज हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल सहित अन्य महानुभावों ने पौधारोपण किया। सरस्वती सरोवर को हजारों द्वीपों से सजाया गया। महोत्सव में शंख नाद के साथ सरस्वती जी की आरती भी की गई।



उपस्थित श्रद्घालुओं को सम्बोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सरस्वती नदी की धारा को धरातल पर बहाने के लिए बनाई गई कार्य योजना अंतिम चरण में हैं जिसके तहत आदिबद्री क्षेत्र में सरस्वती जल भंडारण बांध बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरस्वती देवी बुद्धि, शिक्षा व विवेक की देवी है। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों ने सरस्वती नदी के किनारे अनेको धर्म ग्रंथों की रचना की है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की स्वाभाविक अदला बदली से सरस्वती नदी लुप्त हो गई जिसे पुन: धरा पर लाया जाएगा जिसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल मंत्रालय प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के किनारे भारत की सभ्यता व संस्कृति विकसित हुई। उन्होंने सरस्वती शोध संस्थान के संस्थापक, स्वतंत्रता सेनानी एवं पद्मभूषण स्वर्गीय दर्शन लाल जैन के सरस्वती नदी के प्रति उनकी आस्था और इसके पुर्नउद्धार के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों को स्मरण किया गया।





यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने दोबारा सरस्वती नदी की खोज की और उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि आदिबद्री में ही सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है। उन्होंने कहा कि आदिबद्री क्षेत्र में जल भंडारण बांध के साथ माता मंत्रा देवी तक जाने वाला झूला रज्जुमार्ग बनाया जाएगा और इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा ताकि आदिबद्री क्षेत्र व सरस्वती नदी का महत्व का सभी का पता चल सके।






सरस्वती महोत्सव में सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमिच ने उपस्थित महानुभावों व लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि माताओं, देवियों व नदियों में श्रेष्ठ सरस्वती हैं। शास्त्रों में उल्लेख है कि अनेकों ऋषि मुनियों ने सरस्वती नदी के तट पर ही यज्ञ किए हैं। उन्होंने कहा कि आज खुशी का विषय है कि सरस्वती उद्गम स्थल पर सभी एकत्रित होकर 31 कुंडीय यज्ञ हवन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिबद्री क्षेत्र व सरस्वती उद्गम स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।  कार्यक्रम में बिलासपुर के विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने सरस्वती वंदना व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। हरियाणा कला परिषद कुरुक्षेत्र की ओर से रजनी शर्मा व अमित स्वामी ने रागनी प्रस्तुत की।



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