भाकियू की चेतावनी : अगर 31 मार्च तक इस पुल को लेकर प्रशासन व संबंधित विभाग ने कोई सकारात्मक कार्यवाई नहीं की तो भाकियू एक अप्रैल को रोड़ जाम कर सरकार व प्रशासन के प्रति विरोध जताएगी !
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 31 मार्च तक इस पुल को लेकर प्रशासन व संबंधित विभाग ने कोई सकारात्मक कार्यवाई नहीं की तो भाकियू एक अप्रैल को रोड़ जाम कर सरकार व प्रशासन के प्रति विरोध जताएगी। जिसकी जिम्मेंदारी प्रशासनिक अधिकारियों की होगी।
इस अनदेखी के कारण 15 से 20 गांव का संपर्क कट गया है। जिससे लोगों को लंबा चक्कर लगाकर अपने गतंव्य तक पहुचंना पड़ रहा है। दामला के शिक्षण संस्थानों में भी हर दिन इस क्षेत्र के गांवो से सैंकड़ो बच्चे आते है। ग्रामीणों के साथ साथ उन बच्चों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
विभाग ने पुल से आवाजाही बंद कर अपनी जिम्मेंदारी पूरी कर ली है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। जबकि प्रशासन अगर चाहता है तो पुल के बराबर में एक कच्चा रास्ता बना सकता है जिससे बाइक व हलके चौपहिया वाहनों से गुजरा जा सकता था।
उन्होने कहा कि इस पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग हुआ है। यही कारण है कि समय से पहले ही यह पुल टूटकर गिरने की कगार पर है और अधिकारी ठेकेदार व उसके साथ मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों को बचाने के लिए इसका ठीकरा भारी वाहनों पर फोडऩे का प्रयास कर रहे है। जबकि यह गलत है।
इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की कि इस रास्ते को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए और पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए।
मौके पर रणसिंह खुर्दी, बलदेव खुर्दी, सुरजीत सिंह खुर्दी, दिलावर खुर्दी, नरेश खुर्दी, पवन गोयल, सुरेश दामला, प्रमोद दामला, पप्पी दामला, जगमाल, प्रेम जयपुर,यादविंद्र जयपुर व सजीव सभापुर आदि किसान मौजूद थे।
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