वर्क अलॉट होते ही निगम ने शुरू कराया नालों की सफाई का कार्य
ट्विनसिटी में है 84 किलोमीटर लंबाई के मध्यम व बड़े 32 नाले
निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि नालों की सफाई के लिए चुनाव आचार संहिता के दौरान ही विशेष मंजूरी लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई, ताकि बारिश के सीजन में शहरवासियों को परेशानी न झेलनी पड़े। शहर में लगभग 84 किलोमीटर माध्यम व बड़े नाले हैं। नालों की सफाई के लिए निगम द्वारा लगभग 64.53 लाख रुपये का टेंडर अलॉट किया गया। वर्क ऑर्डर होने के बाद नालों की सफाई का कार्य शुरू करवा दिया गया है। पूरे नगर निगम एरिया को दो जोन में बांटकर नालों की सफाई करवाई जा रही है। एक नंबर जोन में वार्ड एक से सात हैं जबकि दो नंबर जोन में आठ से 22 वार्ड हैं। नालों की नियमित सफाई के साथ-साथ सील्ट उठाना व घास-फूंस साफ करना भी एजेंसी की जिम्मेदारी है। जोन नंबर एक में सीएसआई हरजीत व जोन दो में सीएसआई सुनील दत्त के नेतृत्व में सभी सफाई निरीक्षक नालों की सफाई की देखरेख कर रहे हैं। 15-20 दिन में नालों की सफाई का पहला राउंड पूरा कर लिया जाएगा। मानसून में शहरवासियों की जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए युद्धस्तर पर नालों की सफाई का कार्य किया जा रहा है। बड़े नालों की सफाई जेसीबी व अन्य नालों की सफाई कर्मियों द्वारा की जा रही है।
ट्विनसिटी में है छोटे-बड़े 32 नाले -
यमुनानगर व जगाधरी शहर में नगर निगम के छोटे-बड़े 32 नाले हैं। जिनकी लंबाई लगभग 84 किलोमीटर है। मुख्य नाला जगाधरी से निकलकर सेक्टर 17 से होते हुए प्रोफेसर कॉलोनी, मॉडल टाउन, टैगोर गार्डन, लाजपत नगर समेत दर्जनभर कालोनियों से होता हुआ पश्चिमी यमुना नहर के किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिर रहा है। इसके अलावा आजाद नगर, दशमेश कॉलोनी, बाड़ी माजरा रोड, औद्योगिक क्षेत्र व जगाधरी में गौरी शंकर मंदिर कॉलोनी, देवी भवन बाजार, श्मशान घाट रोड, सिविल लाइन, गांधीधाम, मटका चौक से बर्तन बाजार क्षेत्र में कई नाले है। जिनकी सफाई की जा रही है। बड़े नाले जेसीबी के माध्यम से साफ किए जा रहे है, वहीं, अन्य नालों की सफाई कर्मियों द्वारा की जा रही है। बारिश के सीजन में रिहायशी क्षेत्र में पानी का जमाव न हो इसके लिए नगर निगम प्रयासरत है।
पंप से निकाला जाएगा निचले इलाकों में जमा पानी -
नगर निगम क्षेत्र में बूड़िया के खारवन रोड, मॉडल टाउन में एफसीआई गोदाम के पास, जगाधरी में मटका चौक के पास व अन्य क्षेत्र ऐसे है। जहां नीचे होने के कारण मानसून की बारिश के दौरान पानी जमा होता है। इससे निपटने के लिए नगर निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि निचले क्षेत्र में जमा होने वाले पानी की निकासी पंप के माध्यम से की जाएगी। निगम द्वारा इनका इंतजाम भी किया गया है।
नालों में न डाले ठोस कचरा -
नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने शहरवासियों से अपील की है कि वे घर व दुकान से निकलने वाले ठोस कचरे को नालों में न डाले। इससे नाले अवरूद्ध होते है और ओवरफ्लो होकर नालों का गंदा पानी सड़कों व गलियों में बहता है। इसके अलावा शहरवासी पॉलिथीन का इस्तेमाल न करें। पॉलिथीन अघुलनशील है। इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।