By, Deepakshi
यमुनानगर, डिजिटल डेक्स || कुछ गांवों जैसे करतारपुर, इस्माइलपुर व तलाकौर में गन्ने की पत्तियों में पीलेपन की शिकायत मिली थी। कृृषि वैज्ञानिकों की टीम को निरीक्षण के दौरान करतारपुर गांव में काली कीड़ी, माइट, तराई बेधक व चोटी बेधक कीटों का प्रकोप मिला व गांव इस्माइलपुर, तालाकौर में कीटों के साथ- साथ सोका रोग की समस्या भी दिखाई दी।
विशेषज्ञों ने काली कीड़ी की रोकथाम के लिए फेन्डाल दवाई 400 मिली.के साथ 10 किलोग्राम यूरिया का 400 लीटर पानी मे घोल बनाकर प्रति एकड़ छिडक़ाव व तराई बेधक की रोकथाम के लिए अंडे के परजीवी का प्रयोग करने की सलाह किसानों को दी।
एक ट्राइको कार्ड को प्रति एकड़ की दर से चार बार अगस्त से लेकर सितम्बर तक खेत में छोड़ना चाहिए। ट्राइको कार्ड चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, उचानी मे उपलब्ध है। सोका रोग की समस्या जिन खेतों मे हैं वहां किसान भाई कम से कम तीन साल का फसल चक्कर अपनाएं व स्वस्थ बीज का प्रयोग करें।
खेतों में निरीक्षण के दौरान गन्ने के प्रगतिशील किसान सतपाल कौशिक, राजकुमार, अमरपाल कौशिक, गुरदेव सिंह, गुरमैल सिंह व राजेश सैनी भी उपस्थित रहें व टीम का सहयोग किया।
गन्ने के किसानों ने वैज्ञानिकों की अतिशीघ्र टीम भेजने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ बलवान सिंह मंडल व माननीय कुलपति प्रोफेसर बलदेव राज कम्बोज का भी धन्यवाद किया।