By, Ran Singh Chauhan
चौटाला में आज आयोजित इस बैठक में आदित्य देवीलाल ने कहा कि मैं पहले भी जनता की लड़ाई लड़ता रहा हूं और आगे भी जनता की ही लड़ाई लडूंगा। उन्होंने अपने नए फैसले का जिक्र करते हुए लोगों से समर्थन मांगा। इस बैठक के दौरान ही इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने मंच पर आकर आदित्य को इनेलो में शामिल करवाया और डबवाली हल्के से इनेलो-बसपा गठबंधन की ओर से उम्मीदवार घोषित किया। आदित्य देवीलाल सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा वाले मौकापरस्त है और मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि आदित्य का साथ मिलने से डबवाली विधानसभा सीट पर तो जीत निश्चित हो ही गई है, इसके अलावा अब सिरसा की सभी 5 सीटों पर भी इनेलो-बसपा उम्मीदवार विजयी होंगे।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश में किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बनने जा रही। ऐसे में इनेलो बसपा गठबंधन 20 से ज्यादा सीट जीत कर प्रदेश की सत्ता में काबिज होगा।
आदित्य चौटाला चौधरी देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के बेटे हैं, वे 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे, 2019 में बीजेपी सरकार ने उन्हें स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड का चेयरमैन बनाया था, इस पद से चौटाला दो दिन पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं, वहीं 2019 के चुनाव में आदित्य चौटाला ने डबवाली विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन, कांग्रेस उम्मीदवार अमित सिहाग से हार गए थे !
डबवाली से इनेलो के उम्मीदवार होंगे आदित्य
खास बात यह है कि इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव चौ. अभय सिंह चौटाला ने आदित्य को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया और कहा कि कल आदित्य अपना नामांकन दाखिल करेंगे। डबवाली विधानसभा क्षेत्र पर अब सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं।
आदित्य चौटाला पिछले करीब दस वर्षों से डबवाली में सक्रिय हैं और लगातार जनता के बीच रहते हैं। उन्होंने हमेशा ही जनहित के मुद्दों को उठाया है। हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे सिरसा की सियासत का मिजाज बड़ा दिलचस्प है। अब चुनावी बिगुल बज चुका है और सियासी शतरंत पर मोहरे सजने शुरू हो गए हैं।
सिरसा की 5 सीटों में से डबवाली सीट पर इस बार रोमांचक समीकरण बनते आ रहे हैं। 2019 में यहां से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए 51 हजार वोट लेने वाले आदित्य के इनेलो उम्मीदवार के रूप में सामने आने पर अब यहां पर इनेलो का पलड़ा भारी हो गया है।
आदित्य और इनैलो की जुगलबंदी से विरोधी खेमे में बेचैनी
2 लाख 7 हजार मतों पर आधारित डबवाली विधानसभा सीट पर इनैलो का एक परंपरागत वोट बैंक है और खास बात यह है कि पार्टी के निराशाजनक दौर में भी इस संसदीय चुनाव में इनैलो ने 18 हजार वोट हासिल किए। आदित्य देवीलाल को पिछले चुनाव में 51 हजार वोट मिले थे। ऐसे में इनैलो और आदित्य के वोट का आंकड़ा मिलकर 65 हजार को पार हो जाता है।
आदित्य और इनैलो की जुगलबंदी से विरोधी खेमे में बेचैनी
2 लाख 7 हजार मतों पर आधारित डबवाली विधानसभा सीट पर इनैलो का एक परंपरागत वोट बैंक है और खास बात यह है कि पार्टी के निराशाजनक दौर में भी इस संसदीय चुनाव में इनैलो ने 18 हजार वोट हासिल किए। आदित्य देवीलाल को पिछले चुनाव में 51 हजार वोट मिले थे। ऐसे में इनैलो और आदित्य के वोट का आंकड़ा मिलकर 65 हजार को पार हो जाता है।
सियासी पंडितों का मानना है कि इनैलो इस बार सधी हुई रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। अभय चौटाला जहां फिर से अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र ऐलनाबाद से ताल ठोक रहे हैं तो अर्जुन चौटाला रानियां से उम्मीदवार हैं। रानियां में जिस तरह के समीकरण बने हैं और नैरेटिव सैट हुआ है उससे अर्जुन की एकतरफा जीत तय नजर आ रही है।
आदित्य के इनैलो में आने के बाद डबवाली की सीट भी कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकती है। वैसे भी आदित्य देवीलाल पिछले लंबे समय से डबवाली से सक्रिय हैं और डबवाली सीट पर चौटाला का दबदबा रहा है। यहां से तीन बार चौटाला गांव के मनीराम विधायक चुने गए तो दो बार उनके बेटे डा. सीताराम विधायक बने।
आदित्य देवीलाल और इनैलो की जुगलबंदी यहां पर नया ही गुल खिला सकती है और आदित्य का इनैलो में जाना मौजूदा विधायक अमित सिहाग के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। डबवाली में इनैलो का अपना एक बड़ा जनाधार है और एक वोट बैंक है।
खास बात यह है कि पिछले लंबे समय से इनैलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने संगठन का विस्तार किया है और पार्टी को संजीवनी देने का काम किया है। गौरतलब है कि आदित्य देवीलाल 2014 में भाजपा में आए थे। मार्च 2019 में आदित्य को हरियाणा स्टेट कोऑप्रेटिव एग्रीकल्च एंड रुरल डेवलपमैंट बैंक लिमिटेड का चेयरमैन बनाया और इसके बाद अगस्त 2020 में आदित्य को पार्टी का सिरसा जिला इकाई का अध्यक्ष बना दिया।
आदित्य देवीलाल अपने बेबाकी के लिए मशहूर हैं। आदित्य चौटाला ने जिलाध्यक्ष रहते हुए सितंबर 2021 में नगरपरिषद में प्लाट ट्रांसफर न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए नप कार्यालय में ही भेड़-बकरियां लेकर पहुंच गए थे। 2019 में डबवाली से कांग्रेस के अमित सिहाग विधायक बने। दूसरे स्थान पर भाजपा के आदित्य को 51238 वोट मिले।
आदित्य चौटाला अभय सिंह चौटाला की पत्नी और अपनी भाभी कांता चौटाला को 2016 के पंचायत चुनाव में हरा चुके हैं, दरअसल, आदित्य चौटाला ने सिरसा जिला परिषद के जोन-4 से जिला पार्षद का चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में आदित्य चौटाला ने जीत दर्ज की थी, वे जेजेपी के हमेशा खिलाफ ही रहे हैं, 2022 में उन्होंने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बड़ा बयान दिया था !