मुख्यमंत्री वीरवार को चंडीगढ़ में "द हरियाणा पौंड एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी" के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस अवसर पर अथॉरिटी के अलावा विकास एवं पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, मछली पालन विभाग, लोक निर्माण विभाग , भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण समेत कई विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
प्रथम चरण में निम्न भू-जल स्तर वाले 500 गांवों को रिचार्ज करें...
मुख्यमंत्री ने गिरते भू -जल स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रथम चरण में 500 गांवों के भू-जल को रिचार्ज करने का लक्ष्य तय करें और इस कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी भू-जल स्तर के नीचे जाने पर चिंता जताई है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि भूजल का कम होना देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने लोगों को जल प्रदूषण का मुकाबला करने का आह्वान किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने भी प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप कार्य करते हुए डार्क जोन में अधिक से अधिक पौंड ( तालाब ) बनाने चाहिए ताकि बरसात के दिनों में पानी का संचय किया जा सके। इससे जहां भू -जल स्तर में सुधार होगा वहीं इस पानी का बरसात के बाद अन्य कार्यों में सदुपयोग हो सकेगा।
उन्होंने हांसी -बुटाना लिंक नहर को भी वाटर -स्टोरेज के लिए प्रयोग करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
जल-ऑडिट से व्यापक जल -प्रबंधन करने के निर्देश दिए...
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल-ऑडिट से व्यापक जल -प्रबंधन करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में नदियों के आपस में जोड़ने के लिए "नदी जोड़ो परियोजना" के पहले चरण का शुभारंभ किया था। इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए की राज्य से होकर गुजरने वाली नदियों को भी आपस में जोड़ने के लिए रोड़-मैप तैयार करें। इससे बरसात के दिनों में बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचने और निम्न भू-जल स्तर को ऊपर लाने में मदद मिलेगी।
नदियों के तटबंधों को मज़बूत करें...
कहा कि "संकल्प -पत्र" में "अमृत सरिता योजना" की परिकल्पना की गई थी। इसके तहत राज्य की सभी नहरों और नदियों के तटबंधों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि इस कार्य को मनरेगा योजना के तहत करवाया जा सकता है। तटबंध मजबूत होने से नहर टूटने की घटनाओं पर रोक लग सकेगी। उन्होंने नहरों से पानी की चोरी रोकने के लिए भी टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए।
जल भराव के क्षेत्रों में मछली पालन पर जोर दें...
सैनी ने चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, सोनीपत, रोहतक समेत कुछ अन्य क्षेत्रों में होने वाले जल भराव को ठीक करने हेतु सोलर पंप से जल निकासी का प्रबंध करने के निर्देश देते हुए कहा कि आस-पास के क्षेत्र में पौंड बनाकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया जा सकता है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करें ताकि जल भराव वाले क्षेत्र से जल निकासी आसानी से हो सके।
अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण किया जाए...
मुख्यमंत्री को बैठक में जानकारी दी गई कि "द हरियाणा पौंड एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी" के तहत प्रदेश में कुल 𝟏𝟗𝟕𝟏𝟔 सरोवर बनाए गए हैं , इनमें से 𝟏𝟖𝟖𝟏𝟑 गांवों में और बाकी शहरों में हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अमृत सरोवरों की समीक्षा करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो सरोवर बन कर तैयार हो जाते हैं उनकी मैंटेनेंस बरकरार रखें और इनके किनारों पर पौधारोपण भी किया जाना चाहिए। इससे किनारों को मजबूती मिलेगी और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। ग्रामीणों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वो अपनी बेटियों से पौधे लगवाएं ताकि इन पौधों से अपनत्व का जुड़ाव रहे।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आपसी तालमेल से कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान समय में भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। अमृत सरोवर योजना से जहां भू-जल स्तर को सही करने में मदद मिलेगी वहीं तालाब प्रदूषण मुक्त होने से साफ़ -सफाई रहेगी और लोग स्वस्थ रहेंगे।