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जगाधरी - नश्वर शरीर का दुसरो के काम आना ही जीवन : कंवरपाल

  सिखों के प्रथम गुरू, गुरु नानक देव जी की 551 वीं जयंती 



जगाधरी : इस अवसर पर हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि इक ओंकार का नारा देने वाले सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की पावन जयंती कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर समस्त संसार मे बड़े ही प्यार व हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी के जीवन का एकमात्र उद्देश्य समस्त मानवता को एकसूत्र में पिरोए रखना था।

शिक्षामंत्री ने कहा कि गुरुनानक देव जी ने हमेशा मानवजाति को सन्मार्ग दिखाते हुए सत्कर्म करने की प्रेरणा दी, नानक जी ने ईश्वर एक है व हर जगह विद्यमान है जैसे अपने धार्मिक प्रवचनों द्वारा लोगों से कहा कि हमे लोभ को त्याग करके मेहनत से धन कमाना चाहिए और जरूरतमन्द लोगो की सेवा करनी चाहिए।

गुरु नानकदेव जी ने हमेशा अपने प्रवचनों में आमजन को शिक्षा देते हुए कहा कि पैसों को कभी ह्रदय से लगाकर नही रखना चाहिए, पुरुष व स्त्री में कोई भेदभाव नही करना चाहिए, सभी मानवजाति एक ही है। तनावमुक्त होकर हमे अपना कर्म अपने लिए व दुसरो के लिए करना चाहिए व हमेशा अच्छे और विनर्म स्वभाव रखते हुए जीवनयापन करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि गुरू नानक देव जी को विश्व भर में सांप्रदायिक एकता, सच्चाई, शांति, सदभाव के ज्ञान को बांटने के लिए याद किया जाता है। गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान, ईरान और अरब देशों में भी जाकर उपदेश दिए। गुरु नानक देव जी सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु थे। शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सभी प्रदेश वासियों को गुरू नानक देव जी की 551 वीं जयंती की बधाईशुभकामनाएं दी।


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