किसान चाहते हैं कि इन तीन कृषि कानून को निरस्त किया जाए
-सरकार द्वारा जो कृषि
कानून बनाए गए हैं, उन पर किसानों को
शंका है।
-अब किसानों को लगता है कि
उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है, इसलिए वे दिल्ली
आए हैं।
-किसान चाहते हैं कि इन
तीन कृषि कानून को निरस्त किया जाए।
-मेरा कर्म भी और धर्म भी
किसान और खेती है।
-पार्टी और राजनीति दूसरी
चीजें बाद में आती हैं।
-मेरे पास कुछ किसान
यूनियन के नेता आए थे।
-हमारे देश में लगभग 1400
किसान यूनियन हैं।
-हरियाणा-पंजाब के किसानों से कहा था कि मैं इस आंदोलन में
आपके साथ खड़ा होकर आगे चलने को तैयार हूं।
आपको बता दें कि
हाल ही में जींद में बांगर क्षेत्र
की दर्जनों खापों, तपों व् इलाके की हुई महा पंचायत ने लिया था एक बड़ा फैसला जिसमें जननायक जनता
पार्टी नेता एवं हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, कृषि मंत्री जेपी दलाल, भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह और किसानों के खिलाफ
टिप्पणी करने वाली कंगना रनौत सहित इन सब का सामाजिक बहिष्कार और हुक्का पानी बंद
करने का ऐलान कर दिया है।