स्कूल के खेल मैदान को तबदील करने के कार्य की भी होनी चाहिए जांच
ग्रामीण मलखान सिंह सढूरा, हरदीप सिंह, सुभाष, भूपेन्द्र, रणपाल, स्वर्णसिंह, देवसिंह, बलजिन्द्र, अमन कुमार, अजय कुमार, संकेत, साहिल इत्यादि ने बताया कि उनके गांव में एक ही
खेल ग्राऊंड था जो कि गांव के सरकारी स्कूल में स्थित था। इसी खेल ग्राऊंड में वर्षो
से गांव के युवा खिलाड़ी अभ्यास करते थे। जिसके बल पर युवा न केवल दूर दूर के
क्षेत्रो में खेल प्रतियोगिताओ में भाग लेकर गांव व क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे थे
वहीं नशे जैसी बुरी आदतो से बचे हुए भी थे। लेकिन गांव की मौजूदा पंचायत को यह
नागवार गुजरा और पंचायत की ओर से युवाओ को खेल मैदान से महरूम करने की नीति बनाई
गई।
जिसके लिए स्कूल के खेल मैदान में व्यायामशाला एवं पार्क का निर्माण करने की योजना तैयार कर ली गई। जिसके लिए पहले तो गांव के लोगो व युवा खिलाडिय़ो को भरोसा दिलवाया गया कि वह उनके लिए दूसरा खेल मैदान तैयार करवा देगें। जिस पर सभी ने सहमति जता दी। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह केवल उन्हें गुमराह करने के लिए कोरा आश्वासन है। खेल मैदान में व्यायामशाला का कार्य शुरू करने के बाद पंचायत ने खेल मैदान के कार्य से कन्नी काट दी।
जिसके बाद खिलाडिय़ो ने खुद अपने खर्च से गांव के खाली जोहड़ को खेल मैदान में तबदील करने का प्रयास किया। उस पर अपनी जेब से हजारो रूपए भी खर्च किए। लेकिन अभी भी उसे पूरी तरह से खेल मैदान में तबदील करने के लिए और खर्च की जरूरत है। जिसके लिए उन्होंने पंचायत से इस पर खर्च करने की अपील की। लेकिन पंचायत ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। जिसके बाद खिलाडिय़ो ने खुद को ठगा सा महसूस किया। अब खिलाड़ी खेल के मैदान के लिए तरस रहे है। लेकिन पंचायत उनकी कोई सहायता नहीं कर रही है। गांव के स्कूल में व्यायामशाला का निर्माण भी नियमो के विपरीत है। व्याशाला के निर्माण के बाद स्कूल के पास खेल का मैदान नहीं रह जाएगा। इसलिए इस कार्य की भी जांच होनी चाहिए और गांव के युवाओ को खेलो की परपंरा को आगे बढ़ाने के लिए खेल मैदान उपलबध करवाया जाना चाहिए।
-सोहनलाल, सरपंच प्रतिनिधि
गांव के कुछ लोग चुनावी रंजिश के कारण ऐसा कर रहे है। जबकि यह
कार्य गांव के लोगो व पंचायत की सहमति से ही हुआ है। पंचायत गांव की खाली पड़ी
पंचायती भूमि पर खेल मैदान देने के लिए तैयार है। लेकिन वहां ये लोग नहीं मान रहे
है।