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कुरुक्षेत्र - धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को काशी और हरिद्वार की श्रेणी में शामिल करने का होना चाहिए प्रयास : अमिता बिरला

लोकसभा अध्यक्ष की धर्मपत्नी डा. अमिता बिरला ने लाईट एंड सांउड शो में देखी महाभारत


City Life Haryana
कुरुक्षेत्र : लोकसभा अध्यक्ष की धर्मपत्नी डा. अमिता बिरला ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को काशी और हरिद्वार की श्रेणी में शामिल करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से पूरे विश्व में है। इस गीता उदगम स्थली में हर वर्ष होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने कुरुक्षेत्र को पूरी दुनिया में एक नई पहचान दी है।

डा. अमिता बिरला गत्त देर सायं गीता उदगम स्थली ज्योतिसर तीर्थ का भ्रमण करने के उपरांत केडीबी के अधिकारियों से मन के उदगार व्यक्त कर रही थी। इससे पहले डा. अमिता बिरला ने ज्योतिसर तीर्थ के वटवृक्ष को देखा और पूजा-अर्चना भी की है। इस दौरान केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने महाभारत और ज्योतिसर के वटवृक्ष से जुड़े इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस पावन धरा पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने हजारों वर्ष पूर्व गीता के उपदेश दिए। इस दौरान केडीबी के मानद सचिव ने केडीबी की तरफ से डा. अमिता बिरला को काफी टेबल बुक स्मृति चिन्ह के रुप में भेंट की है।

डा. अमिता बिरला ने ज्योतिसर और कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर को देखने और इतिहास को जानने के बाद अपने मन के उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि धार्मिक दृष्टि से कुरुक्षेत्र का महत्व और अधिक होना चाहिए। इस क्षेत्र का महत्व हरिद्वार और काशी से किसी भी सूरत में कम नहीं है। इसलिए कुरुक्षेत्र को हरिद्वार और काशी की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीता स्थली के रुप पूरा विश्व कुरुक्षेत्र को जानता है। इस स्थल को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते है। इस स्थल को सरकार की तरफ से पर्यटन स्थल के रुप में भी विकसित किया जा रहा है और आने वाले 4-5 सालों में कुरुक्षेत्र विश्व में ओर अधिक पहचान बनाएगा तथा लोग इसे हरिद्वार और काशी की तरह समझकर दर्शन करने के लिए आएंगे। 

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