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कुरुक्षेत्र - यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में भूजल के प्रतिचित्रण मैपिंग

इन जिलों में भूजल संसाधनों के प्रतिचित्रण हेतु अन्य वैज्ञानिकी अध्ययनों द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा


City Life Haryana
कुरुक्षेत्र : केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में भूजल के प्रतिचित्रण मैपिंग हेतु एडवांस हैली बोर्न सर्वे प्रथम प्रयास स्वरूप यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिले के कुछ भागों में अति आधुनिक हैली बोर्न भू-भौतिकीय सर्वेक्षण तथा इन जिलों में भूजल संसाधनों के प्रतिचित्रण हेतु अन्य वैज्ञानिकी अध्ययनों द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा।

निर्माण भवन ए नई दिल्ली में केंद्रीय भूजल बोर्ड सीजीडब्ल्यूबी जल शक्ति मंत्रालय और राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बीच माननीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथा राज्य मंत्री जल शक्ति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता रतन लाल कटारिया तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से डॉ. हर्षवर्धन की गरिमापूर्ण उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौता ज्ञापन से केंद्रीय भूजल बोर्ड राजस्थान के जल संकट से ग्रस्त 65500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जिसमें बीकानेर, अहातू, गंगानगर, जालोढ़, पाली, जेसलमेर, जोधपुर तथा सीकर जिले के हिस्से शामिल हैं का हैली बोर्न भू-भौतिकीय अत्यधिक आधुनिक तकनीक के माध्यम से सर्वेक्षण का लाभ हासिल कर सकेगा।

इसके साथ गुजरात के 32000 वर्ग किलोमीटर के शुष्क भू-भाग और हरियाणा के करीब 2500 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा लादवा, बावेन, शाहबाद, थानेश्वर, पहोवा, जगाधर, रादौर, मुस्तफाबाद, छछरोली शामिल है, को भी सर्वेक्षण का लाभ मिलेगा। यह सर्वेक्षण केंद्रीय भूजल बोर्ड को जलभृतों की पहचान करने और एक बहुत छोटी अवधि में संबंधित आंकड़ें इक_े करने तथा भूजल प्रबंध परियोजनाओं को अंतिम रूप देने में सहायता प्रदान करेगा।

जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि इस परियोजना के पहले चरण में करीब एक लाख वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसमें बहुत सारे गुणवत्ता पूर्ण आंकड़ें सृजित किए जाएंगे जो प्रभावी योजना बनाने में सहायक होंगे। उन्होंने जल संसाधन से जुड़ी चिरकालिक समस्याओं के समाधान के लिए जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा इस्तेमाल की जा रही आधुनिक, नवीनतम तथा कटिंग एज टेक्नोलॉजी के संबंध में भी संतोष व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि उत्तरी हरियाणा क्षेत्र में खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए जल के अंधाधुंध उपयोग और पेयजल की आपूर्ति पूरी करने के कारण, वहां का जल स्तर तेजी से घट रहा है। इस सर्वेक्षण के निष्कर्ष भूजल की योजनाएं बनाने में लाभकारी होंगे। एक बड़े लोकहित की दृष्टि से दो मंत्रालयों के बीच यह समझौता ज्ञापन सरकार के विभागों के बीच तालमेल का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के आम नागरिकों के लिए सरकार के कार्यक्रमों तथा योजनाओं से यथाशीघ्र तथा बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय तथा विभागों के बीच एक सुचारू तालमेल पर सदैव जोर देते रहे हैं और वर्तमान समझौता ज्ञापन भी इसी तालमेल का हिस्सा है जिससे हमें अपने लक्ष्यों को जल्दी हासिल करने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि नवम्बर 2020 के लिए राष्ट्रीय जलविज्ञान परियोजना हेतु जल शक्ति मंत्रालय की मासिक रैंकिंग में हरियाणा द्वारा द्वितीय रैंक हासिल करने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी बधाई दी और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आने वाले समय में हरियाणा के शीर्ष रैंक प्राप्त करने की उम्मीद भी जताई है। 

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