एमएसीटी के तहत 13 मुकदमों में लगभग 67 लाख 67 हजार की क्लेम राशि पास
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान 2087 मुकदमों का आपसी सहमति से समाधान करवाया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों के निपटान की एक वैकल्पिक व्यवस्था है, जहां विवादों का निपटारा आपसी सहमति से होता है। इस व्यवस्था में बिना कानूनी खर्च के सरलता से और त्वरित तरीके से लोगों को न्याय मिल जाता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्टे्रट अनमोल सिंह नायर ने बताया कि आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में एमएसीटी के तहत 13 मुकदमों में लगभग 67 लाख 67 हजार की क्लेम राशि भी पास की गई है। उन्होंने लोगों से राष्ट्रीय लोक अदालत का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि लोक अदालत सस्ता और सुलभ न्याय पाने का बेहतर माध्यम है। राष्ट्रीय लोक अदालत का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें जिन मुकदमे का फैसला होता है, उनको लेकर आगे अपील नहीं की जा सकती। लोगों का लोक अदालत के प्रति रूझान बढ़ा है औऱ इसमे होने वाले फैसलों के प्रति विश्वास भी जगा है।