सार्थक नहीं हो रहा है सरकार का बेटी बचाओ का नारा
BY: Ravinder Saini
City Life Haryana। रादौर : एक ओर तो सरकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व महिला सशक्तिकरण का नारा दे रही है वहीं दूसरी ओर बेटियो के लिए ही न्याय पाने के लिए लोगो को दर-दर की ठोकरे खाने पर विवश होना पड़ रहा है।
घटना रादौर निवासी एक व्यक्ति के साथ हुई। जिसकी बेटी को बदनाम
करने के लिए कुछ लोगो ने उसके ससुराल में अश्लील मैसेज भेजे। यहां तक कि ससुराल
में अश्लील पत्र भी भेजे गए। जब उन्होंने मामले की जांच की तो दोषियो बारे जानकारी
हुई तो उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी।
पहले तो पुलिस ने उन्हें ही झूठी शिकायत देने का दोषी बनाने का प्रयास लेकिन जब उन्होंने तथ्य पेश किए तब जाकर शाहबाद पुलिस ने दोषियो के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन आज तक दोषियो को गिरफ्तार नहीं किया गया। जिस कारण दोषी आज भी खुलेआम घूम रहे है। मामले को लेकर युवती के परिजन सीएम विंडो माध्यम से मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके है। वहीं गृहमंत्री अनिल विज व डीजीपी हरियाणा को भी शिकायत भेजकर ठोस कार्रवाई किए जाने की मांग कर चुके है लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिजनो का कहना है कि अगर बेटियो को न्याय दिलवाने में ही उन्हें इस प्रकार भारी मुशक्कत करनी पड़ रही है तो सरकार बेटी बचाओ का नारा आखिर क्यों लगा रही है।
रादौर निवासी मनमोहन गुप्ता ने बताया कि अपनी बेटी का रिश्ता
कुरूक्षेत्र शहर में किया हुआ था। लेकिन उनके एक रिश्तेदार ने उनकी बेटी का रिश्ता
तुडवाने के लिए उसके ससुराल में उसके बारे में गलत मैसेज करने शुरू कर दिए। यहां
तक कि कोरियर के माध्यम से भी गलत सलत बाते उनके बारे में कही गई। जब उन्होंने
कोरियर व अन्य माध्यमो की जांच की तो उन्हें अपने रिश्तेदार की इस हरकत के बारे
पता चला। जिसके उनके पास पूरे प्रमाण भी है।
मामले को लेकर उन्होंने कुरूक्षेत्र के शाहबाद थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जिसमें पहले तो पुलिस ने उन्हें ही झूठी शिकायत देने का दोषी बनाने का प्रयास किया लेकिन बाद में जब उन्होंने पूरे प्रमाण पत्र किए तो पुलिस ने आरोपियो के खिलाफ शाहबाद थाने में 8 अक्तूबर 2019 को एफआईआर नंबर 524 के तहत मामला दर्ज कर लिया। लेकिन आज तक पुलिस ने आरोपियो को गिरफ्तार नहीं किया है। बार-बार वह मामले को लेकर अधिकारियो के चक्कर लगाते रहे लेकिन वह आज भी खुलेआम घूम रहे है। जबकि वही आरोपी जिला उपायुक्त यमुनानगर को भी गलत तरीके से फोन करने के दोषी पाए जा चुके है। जिसमें पूछताछ के दौरान वह उनके मामले को भी पुलिस के समक्ष कबूल कर चुके है।
वही, मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है।
आरोपियो ने उनकी बेटी को बदनाम करने की जो नीच हरकत ही है उसको लेकर वह दंड के
भागीदार है लेकिन हैरत की बात तो यह है कि जिस सरकार में बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ
का नारा देकर बेटियो को मान सम्मान दिए जाने की आवाज बुलंद की जा रही है उसी सरकार
के शासनकाल में एक बेटी व उसके पिता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मांग
की कि आरोपियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं और लापरवाह दोषी पुलिस अधिकारियो व
कर्मचारियो के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो।