इटली के प्रधानमंत्री ने इस टीम की सराहना की
जी हां हम बात कर
रहें है भारतीय मूल की (बीएससी नर्सिंग) हरप्रीत गुर्जर इटली में पहली कोरोना वैक्सीन की प्रशिक्षण
टीम में शामिल हुई। इटली में उनकी टीम ने कोरोना वैक्सीन का सफल प्रशिक्षण किया।
इटली के प्रधानमंत्री ने इस टीम की सराहना की। साथ ही प्रशिक्षण सफल होने को वहां
के मुख्य समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया।
सुभाष गुर्जर ने बताया कि मेरे बेटे अनुराग गुर्जर (एडवोकेट) की शादी पंजाब के पटियाला के अजरावर गांव निवासी हरप्रीत गुर्जर से 26 नवंबर 2019 को हुई थी। मेरी पुत्रवधू ने पटियाला से ही बीएससी नर्सिंग का कोर्स किया है, और फिर इटली चली गई थी। करीब छह साल से वह इटली में ही अस्पताल में नौकरी कर रही है।
सुभाष गुर्जर ने बताया कि भारतीय मूल की (बीएससी नर्सिंग) हरप्रीत गुर्जर (Harpreet Gurjar) इटली में पहली कोरोना वैक्सीन की प्रशिक्षण टीम में शामिल हुई। सेलेक्शन होने के बाद उनके गांव धोडंग (यमुनानगर) और परिवार में खुशी का माहौल है। हरप्रीत की ससुराल में लगातार लोगों के शुभकामनाएं संदेश आ रहे हैं। मानव सेवा के लिए उनकी पुत्रवधू कार्य कर रही है। यह उनके लिए गर्वांवित पल है।
सुभाष गुर्जर का कहना है कि उनकी पुत्रवधू हमेशा कहा करती थी कि मेरे सपनों की उड़ान आसमां तक है, मुझे बनानी अपनी पहचान आसमां तक है, मैं कैसे हार मान लूं और थक कर बैठ जाऊं, मेरे हौसलों की बुलंदी आसमां तक है। आज मुझे अपनी पुत्रवधु हरप्रीत गुर्जर (Harpreet Gurjar) पर गर्व है, कि यह उनके व समाज के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पुत्रवधू कोरोना महामारी में जीवन बचाने वाली वैक्सीन का ट्रायल करने में शामिल टीम का हिस्सा रही। समाज और राष्ट्र के साथ मानवता के लिए योगदान ही सही अर्थों में धर्म और राष्ट्रवाद माना जाता है।
- किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष गुर्जर किसानों के लिए कर रहे संघर्ष..
आप आप को बता दें कि किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है। प्रदर्शनकारी किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं। अब अहम सवाल ये है कि क्या नए साल में 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली अगले दौर की बातचीत के बाद आंदोलन खत्म हो जाएगा।किसान संगठनों ने बहरहाल 4 जनवरी तक आंदोलन तेज न करने का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन मान गुट के जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर (Subhash Gurjar) को अब यमुनानगर किसान संघर्ष समिति का भी अध्यक्ष बनाया है। लगातार वह किसानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई बार वह जेल भी जा चुके हैं।