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रादौर - प्लाटो की रजिस्ट्री न होने से परेशान हो रहे लोग, नगरपालिका की आमदन पर भी हुआ असर, 5 लाख से पहुंची 40 हजार

पुरानी कालोनियों में भी आ रही समस्या, रजिस्ट्रिया जल्द से जल्द शुरू करवाने की मांग


City Life Haryana
  रादौर : नगरपालिका क्षेत्र के लोगो को इन दिनो अपने प्लाटो की रजिस्ट्री करवाने की समस्या से गुजरना पड़ रहा है। रादौर नगरपालिका के अधीन पडऩे वाली अधिकांश कालोनियां के अवैध एरिया में शामिल होना इसका एक कारण बताया जा रहा है। जिस कारण जहां लोग अपनी प्लाटो की रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे है वहीं नगरपालिका रादौर को अस्टाम डयूटी से होने वाली आय पर भारी असर पड़ा। ऐसे में स्थानीय लोगो की मांग है कि प्रशासन व सरकार इस समस्या की ओर ध्यान देते हुए जल्द से जल्द इसका समाधान करवाए ताकि लोग अपने प्लाटो की रजिस्ट्री करवा सके।
स्थानीय निवासी सुभाष, जसविन्द्र, रामकुमार, प्रिंस, बंसीलाल, विपिन, शमशेर इत्यादि ने बताया कि रादौर नगरपालिका के अधीन आने वाली अधिकांश कालोनियां में इन दिनो लोगो को प्लाटो की रजिस्ट्री करवाने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। रादौर की नई ही नहीं पुरानी कालोनियां भी इसमें शामिल है। जब कोई व्यक्ति अपने प्लाट की रजिस्ट्री करवाने के लिए ऑनलाईन अप्वाइंटमेंट लेता चाहता है तो उसे यह अप्वाइंटमेंट नहीं मिल रही है।

महीनो से लोग इस परेशानी से गुजर रहे है, अधिकारियों के पास जब वह जाते है तो तहसील के अधिकारी उन्हें इस बारे नगरपालिका में जाकर बात करने की बात कहते तो नगरपालिका के अधिकारी उन्हें तहसील में ही जाने की बात कहकर टाल रहे है। जिससे लोग नगरपालिका व तहसील के चक्कर लगाकर थक चुके है। लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होने सरकार व प्रशासन से मांग की कि वह जल्द से जल्द उनकी इस समस्या का समाधान करवाया जाए।

- नगरपालिका की आय 5 लाख से पहुंची 40 हजार
रजिस्ट्री रूकने का खामियाजा नगरपालिका को भी उठाना पड़ रहा है। रादौर नगरपालिका क्षेत्र में होने वाली रजिस्ट्रियों से नगरपालिका रादौर को अस्टाम डयूटी से आने वाली कमीशन की आय होती थी, जो कि करीब प्रतिमाह 5 लाख के करीब थी। लेकिन रजिस्ट्री का कार्य कम हो जाने से नगरपालिका की यह आय कम होकर करीब 40 हजार रूपए रह गई है।

- सर्वे के बाद ही समाधान की उम्मीद
नगरपालिका सचिव अजय वालिया ने बताया कि सरकार की ओर से वर्ष 2015 में अवैध कालोनियों से संबंधित सर्वे करवाया गया था। जबकि रादौर में वर्ष 2016 में नगरपालिका बनी। जिस कारण रादौर की कालोनियां सरकार की वैध कालोनियों की सूची में शामिल नहीं हो सकी। जिस कारण यह समस्या आ रही है। जब इससे संबंधित दोबारा सर्वे होगा उसके बाद ही यह समस्या का समाधान हो सकेगा।

- कुवंरदीप सिंह, नायब तहसीलदार रादौर किसी भी वैध कालोनी की रजिस्ट्री को नहीं रोका गया है। सरकार की हिदायतो के अनुसार जिन कालोनियों की अप्वाइंटमेंट मिल रही है वहां रजिस्ट्री की जा रही है।






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