किसान ले सकता है सरकार के खिलाफ बड़ा फैसला, बैठक कर बनाई रणनीति
बैठक में महापंचायत को लेकर रणनीति तैयार की गई और दावा किया
गया कि 6 फरवरी को सुबह 10 बजे होने वाली इस
महापंचायत में सरकार के खिलाफ अपनी समस्याओ को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते है।
जिसमें उत्तरप्रदेश के किसानो के भाग लेने की भी संभावना जताई जा रही है।
इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद सदस्य शिवकुमार संधाला ने बताया कि
किसान आंदोलन, टूटी सडक़ो की समस्या, क्षेत्र में अवैध खनन व धान की फसल के बकाया
भुगतान जैसे विषयो को लेकर क्षेत्र के किसानो ने एक किसान महापंचायत करने का
निर्णय लिया है। महापंचायत में क्षेत्र के ग्रामीण व किसान उक्त समस्याओ को लेकर
आगामी रणनीति तैयार करेगें। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियो के कारण किसान
पिछले करीब ढाई माह से आंदोलनरत है। लेकिन सरकार उनकी मांगो पर कोई ध्यान नहीं दे
रही है। जबकि किसान अपने हको के लिए आंदोलन करने पर विवश है।
बावजूद इसके सडक़ो की हालत दयनीय है। अवैध खनन को लेकर भी बार
बार सरकार व प्रशासन के समक्ष क्षेत्र के किसान व ग्रामीण मुद्दा उठा रहे है लेकिन
न सरकार सुन रही है और न ही अधिकारी अपनी गंधारी पट्टी खोल रहे है। किसानो को धान
की फसल का भुगतान भी आज तक नहीं किया गया है। जिससे किसानो में सरकार के प्रति
भारी रोष है। 6 फरवरी की महापंचायत में उक्त मुद्दो को लेकर किसान कोई निर्णायक
फैसला लेने के मूड में है। मौके पर मोहन कण्डरौली, बबली कण्डरौली, जितेन्द्र मेहता, इन्द्रजीत बजाज, पलविन्द्र सिंह, राजेश सलूजा इतयादि
मौजूद थे।