एक दिवसीय नशा मुक्ति सेमिनार का आयोजन इंदिरा गांधी नेशनल कालेज लाडवा में किया गया
उन्होंने कहा कि आज के समय हमारा युवा नशे की तरफ दौड़ रहे है। हम सब को मिलकर सांझे प्रयास करने होंगे ताकि हम नशे से ग्रस्त लोगों को इस नरकीय जीवन से बाहर निकल सके। इस सेमिनार के दौरान सहायक सचिव रमेश चौधरी द्वारा आम लोगों को नशा न करने के प्रति जागरूक किया गया। नशे की सुरुआत फैशन, समाज व तनाव के कारण होती है, फैशन का मतलब जब हम अपने किसी आदर्श को नशा करते हुए देखते है, समाज का मतलब जब हम इस प्रकार के दोस्तों के बीच मे रहते है जो नशे के आदि है, तनाव का मतलब जब हम पहले से ही नशे के आदि होते हैं तनाव बढऩे पर नशे की तरह दौड़ते है। नशा हमारे लिए अभिशाप है, जो हमें शारिरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से नुकशान पहुंचाते है।
सचिव रणदीप श्योकंद ने कहा कि हम सब को मिलकर प्रयास करना चाहिए कि हम नशा करने वाले लोंगो को नशा छुड़ाने के लिए मानसिक रूप से तैयार करें, नशा हमारे परिवार को ही नही बल्कि हमारे समाज ओर राष्ट्र को भी खोखला कर रहा है नशे की वजह से युवा अपना रास्ता भटक गया है। इसके लिए हम सब को सांझे प्रयास करने होंगे ताकि हम नशा मुक्त भारत का निर्माण कर सके। सेवा निवृत्त जिला प्रशिक्षण अधिकारी एवं यूथ रैडक्रॉस फील्ड कोर्डिनेटर राजेन्द्र सैनी ने भी अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि नशा हमारे सारे सपनों का विनाश कर देते है। पारिवारिक व सामाजिक झगड़े बढ़ जाते है। उन्होंने सभी से अपील की हमेशा नशे से दूर रहें तथा अन्य नशे से ग्रस्त लोगों को नशा छुड़ाने में अपना योगदान दे।
कार्यक्रम के अंत मे सभी लोगो ने नशा न करने व अन्य लोंगो को भी नशा न करने के लिए शपथ दिलवाई गई। स्टेज संचालन डा. यशपाल सहायक प्रोफेसर ने किया। उप प्रधानाचार्य प्रोफेसर डा. रविश चौहान ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए हम रैडक्रॉस के आभारी है जिन्होंने इस कार्यक्रम हेतु हमारे महाविद्यालय को चुना। इस अवसर पर सहायक प्रोफेसर डा. मोहन लाल, सहायक प्रोफसर डा. राजेश कुमार, डा. हरनीत कौर, डा. नीरू बाला, सहायक प्रोफेसर डा. वंदना गुप्ता, सहायक प्रोफेसर डा. सुदेश बंसल, सहायक प्रोफसर डा. अमित कुमार, सहायक प्रोफेसर डा. प्रियंका गुप्ता व अन्य गण मान्य व्यक्ति उपस्थित थे।