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Rohtak- बच्चे का पहला प्ले स्कूल गांव की गलियां

स्कूल ट्रेनिंग कार्यक्रम का उद्घाटन

मां की सीखों से ही बच्चे के विकास का एक पैमाना तय होता



City Life Haryanaरोहतक :  हर बच्चे का पहला स्कूल घर और मां उसकी पहली शिक्षक होती है। मां की सीखों से ही बच्चे के विकास का एक पैमाना तय होता है। यह बात अतिरिक्त उपायुक्त महेन्द्रपाल ने कही।

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित पांच दिवसीय प्री स्कूल ट्रेनिंग के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। एडीसी महेन्द्रपाल ने बैठक के दौरान कहा कि किसी भी बच्चे का सबसे पहला प्ले स्कूल गांव की गलियां होती थी, जहां से उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता था। लेकिन समय के बदलाव के साथ आज के दौर में प्ले स्कूल का कॉन्सेप्ट आ गया है, जहां बच्चे का शुरूआती शिक्षा देते हुए उसका स्तर ऊंचा उठाने के प्रयास किए जाते है।


इसकी मकसद और बच्चे के सर्वागिण विकास को लेकर इस ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को घर से बाहर बातचीत करने में काफी झिझक देखी जाती है। हमारा मकसद उस झिझक को खत्म करते हुए उन्हे इस तरह सक्षम बनाना है कि वे अपने फैसले खुद ले सकें। उन्होंने बताया कि 22 से 26 मार्च तक चलने वाली इस पांच दिवसीय ट्रेनिंग में जिला में कार्यरत्त 6 सीडीपीओ और 39 महिला सुपरवाईजर हिस्सा लेंगी। ट्रैनिंग के पश्चात आगामी 15 दिन के लिए विभिन्न आंगनवाडिय़ों में अभ्यास कक्षाएं लगाई जाएंगी।



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