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Chandigarh- कोविड-19:- भारत उन देशों में से एक है, जहां प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 112 की न्यूनतम मृत्यु दर : CM

तुलनात्मक रूप से प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर लगभग 130 न्यूनतम सक्रिय मामले


City Life Haryanaचंडीगढ :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष कोविड-19 से अप्रत्याशित चुनौतियां आई परंतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जावान नेतृत्व में हमारा राष्ट्र इस संकट से निपटने में सक्षम रहा है। भारत ने लगभग 98 प्रतिशत रिकवरी दर के साथ कोविड-19 की गति को धीमा किया है। भारत उन देशों में से एक है, जहां प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 112 की न्यूनतम मृत्यु दर है और तुलनात्मक रूप से प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर लगभग 130 न्यूनतम सक्रिय मामले हैं।

उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है जो कोविड-19 के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने में सक्षम हुए हैं। कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की विश्वभर में सराहना हुई है, जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है, जो 130 करोड़ भारतीयों की क्षमता और कौशल में उनके विश्वास की अभिव्यक्ति है। भारत सरकार ने लगभग 27.1 लाख करोड़ रुपये के संचित वित्तीय प्रोत्साहन के साथ, चरणों में इस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में वी-शेपआर्थिक रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ने भी कोरोना संक्रमित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करके तथा समाज के जरूरतमंद वर्गों तक राहत पैकेज जैसे कि-भोजन, नकदी और अन्य मूलभूत वस्तुएं और सेवाएं तेजी से पहुंचाकर कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने में काफी अच्छा काम किया है। प्रदेश ने कोरोना के कारण केवल 1.11 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ लगभग 98 प्रतिशत रिकवरी दर हासिल की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय और चिकित्सा सहायता तथा अन्य राहत पैकेज प्रदान करने के लिए आमजन से दान स्वीकार करने के उद्देश्यों के साथ हरियाणा कोरोना राहत कोष का गठन किया गया।

उन्होंने हरियाणा कोरोना राहत कोष में किए गए उदार अंशदान के लिए प्रदेश के आमजन, उद्योग जगत, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों तथा राज्य के विधायकों और सांसदों का आभार भी जताया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार की चालू वर्ष की उपलब्धियां और आगामी वर्षों में आर्थिक वृद्धि तथा मानव विकास हासिल करने के लिए सरकार का दृष्टिकोण और कार्य-योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूंजी निवेश के माध्यम से हरियाणा की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना इस वर्ष के बजट का मुख्य केंद्र-बिंदु है। इसमें मध्यावधि परिव्यय ढांचे (एमटीईएफ) के रूप में 8,585 करोड़ रुपये की मुक्त निधि के आवंटन द्वारा इसकी संरचना में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। विकास की गति को तेज करने में आर्बिटल रेल कारिडोर, बुनियादी ढांचा निवेश न्यासों और रियल एस्टेट निवेष न्यासों के माध्यम से परिसम्पत्ति मुद्रीकरण, मानेसर के निकट ग्लोबल सिटी, जिला सोनीपत के गन्नौर में अन्तर्राष्ट्रीय बागवानी मण्डी सरकार की कुछ उल्लेखनीय परियोजनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 5080 गांवों में 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की है और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान इसका अन्य गांवों में भी विस्तार करने के प्रयास किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट प्रक्रिया को प्राकृतिक रूप से सहभागितापूर्ण बनाने के उद्देश्य से पिछले वर्ष राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों के विचारों और सुझावों को बजट में शामिल करने के लिए उनके साथ पूर्व बजट परामर्श की पहल की थी। उसमें राज्य के विधायकों और सांसदों से प्राप्त 527 सुझावों में से 200 सुझावों को शामिल किया गया। वर्ष 2020-21 के दौरान उनमें से 71 सुझाव लागू भी किए जा चुके हैं और शेष 129 सुझाव क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2021-22 के बजट के लिए भी राज्य के सभी विधायकों और सांसदों तथा अन्य प्रतिष्ठित हितधारकों से अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार सांझा करने का अनुरोध किया था। विधायकों और सांसदों से कुल 410 सुझाव मिले हैं, जिन पर उन्होंने इस बजट प्रक्रिया में यथोचित ढंग से विचार किया है। 

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