जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत 1.65 लाख घरों में नल के माध्यम से जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित
मनोहर लाल ने आज विधानसभा में बतौर वित्त मंत्री बजट अनुमान 2021-22 में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए 3,402 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि ‘जल जीवन मिशन कार्यक्रम’ के तहत, भारत सरकार ने वर्ष 2024 तक सभी घरों में नल के माध्यम से जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। परन्तु हमने इस कार्य को केवल वर्ष 2022 तक ही पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। हरियाणा में लगभग 31.05 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से जनवरी, 2021 तक 26.19 लाख (84.34 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को जलापूर्ति कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण संवर्धन जल आपूर्ति कार्यक्रम के तहत, गांवों में जलापूर्ति का स्तर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55-70 लीटर तक बढ़ाने के लिए मौजूदा जलापूर्ति सुविधाओं में सुधार तथा इन्हें मजबूत किया जा रहा है। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए, नाबार्ड से भी धनराशि ली जा रही है। वर्ष 2020-21 में नाबार्ड द्वारा स्वीकृत 1003.50 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाएं प्रगति पर हैं तथा वर्ष 2020-21 में रेवाड़ी, नारनौल और जींद में 129.10 करोड़ रुपये लागत की 3 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रति व्यक्ति प्रतिदिन जलापूर्ति 135 लीटर तक बढ़ाने, सीवरेज प्रणाली बिछाने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना के लिए महाग्राम योजना शुरू की है। इस कार्यक्रम के तहत, अब तक 130 गांवों की पहचान की गई है, जिसमें तीन चरणों में कार्य किया जाएगा। पहले चरण में 20 गांव, दूसरे चरण में 38 और तीसरे चरण में शेष 72 गांव शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी पूरी तरह से दृढ़-संकल्प है। राज्य के 87 कस्बों में पहले ही पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है और वर्ष 2020-21 में घरौंडा, निसिंग, तरावड़ी और समालखा की सभी नव विकसित कॉलोनियों में पेयजल की सुविधा मुहैया करवाई गई है। इसके अतिरिक्त, लोहारू, हिसार, नरवाना, उचाना, लाडवा और पुन्हाना की नव विकसित कॉलोनियों में भी पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा 80 कस्बों के 124 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। कैथल, पुंडरी और असंध में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के अपग्रेडेशन का कार्य पूरा हो चुका है तथा भूना, नांगल चौधरी, इस्माईलाबाद और सढ़ौरा में नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना का कार्य मार्च, 2021 तक पूरा होने की संभावना है। इंद्री, पलवल, यमुनानगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना तथा ऐलनाबाद, फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, सिरसा, रोहतक और तोशाम में इनके उन्नयन का कार्य चल रहा है, जो वर्ष 2021-22 में पूरा हो जाएगा। राजौंद व सिसाय में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और सिवानी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के उन्नयन की परियोजनाएं 2021-22 में शुरू की जाएंगी।
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने मुख्य रूप से बिजली संयंत्रों, उद्योगों, सिंचाई और नगरपालिकाओं द्वारा उपचारित अपशिष्ट जल का गैर-पेयजल प्रयोजनों हेतु उपयोग करने के लिए एक नीति बनाई है। वर्ष 2022 तक 25 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हरियाणा में अब तक, 169 सीवेज ट्रीटमेंट और सामान्य अपशिष्ट ट्रीटमेंट संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जो 1278 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल उत्पन्न करते हैं।
इसी तरह, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा वित्त-पोषित योजना के तहत, गन्नौर, बेरी, झज्जर, कलानौर, सांपला, खरखौदा, होडल और समालखा में सीवरेज लाइनें बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है और सोहना में 2021-22 में काम पूरा हो जाएगा। भिवानी,सिवानी, बेरी, झज्जर, पुंडरी, होडल और रेवाड़ी शहरों में वर्षा जल की निकासी के लिए कार्य पूरा हो चुका है तथा गन्नौर, अम्बाला शहर, अम्बाला सदर, रोहतक और हिसार में 2021-22 में कार्य पूरा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, 2021-22 में पलवल, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना और होडल में नए कार्य शुरू किए जाएंगे।