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Chandigarh- इमरजेंसी के समय प्रयोग होगें मैरिज-पैलेस, बैंक्वेट-हॉल या अन्य कोई बड़ा स्थान : मुख्य सचिव

Haryana Chief Secretary, Sh. Vijai Vardhan presiding over meeting of Crisis Coordination Committee through video conferencing, at Chandigarh. Financial Commissioner, Revenue & Disaster Management and Consolidation Department, Sh. Sanjeev Kaushal, Additional Chief Secretary, Medical Education and Research Department, Sh. Alok Nigam are also seen in the picture.

City Life Haryanaचंडीगढ: हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड-19 के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर अपने-अपने जिलों में 2-2 या 3-3 मैरिज-पैलेस, बैंक्वेट-हॉल या अन्य कोई बड़ा स्थान चिन्हित कर तैयार रखें ताकि इमरजेंसी के समय उनका प्रयोग किया जा सके। उन्होंने क्वीक-रिस्पोंस टीमगठित करने, 5-6 छोटे अस्पतालों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा यथाशीघ्र अपने-अपने जिला में मैक्रो कंटेनमैंट जोनबनाकर उनकी रिपोर्ट मुख्यालय भिजवाने के अलावा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में 6 बजे के बाद भी आवश्यकतानुसार किरयाना व दवाइयों की दुकानों को रोस्टर प्रणाली के तहत खोलने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आज यहां क्राइसिस कोर्डिनेशन कमेटीकी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक भी वीडियो कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।

मुख्य सचिव विजय वर्धन ने राज्य में कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता व मैक्रो कंटेनमैंट जोनके गठन की समीक्षा करते हुए उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे मैक्रो कंटेनमैंट जोनके गठन के प्रति गंभीरता से कार्य करें। मैक्रो कंटेनमैंट जोनवाले क्षेत्रों में बैरिकेटिंग करवा कर पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाएं ताकि पीडि़त मरीज से कोरोना का प्रसार न फैले और लोग लापरवाही न बरतें।


उन्होंने शाम 6 बजे के बाद भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में दुकानों के बंद करने के आदेशों को पुन: स्पष्ट करते हुए कहा कि किरयाना व दवाइयों की कुछ दुकानों को उपायुक्त अपने विवेक से निर्णय लेते हुए रोस्टर प्रणाली के तहत खुली रखवा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उपायुक्त अपने क्षेत्र में आईएमए की मदद से छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की उचित तरीके से आवंटन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं। मुख्य सचिव ने सभी जिलों में क्वीक-रिसपोंस टीमगठित करने के भी निर्देश दिए ताकि एमरजेंसी के समय ऑक्सीजन व अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए जा सकें।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आमजन की मदद करते हुए अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने का आह्वान किया।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 162 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन के लिए अलॉट की गई है, प्रदेश सरकार इसका उचित आवंटन कर अधिक से अधिक मरीजों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के उद्योगों में प्रयोग की जाने वाली ऑक्सीजन को मैडिकल-यूज के लिए कनवर्ट करवाने के उपाय करें।

इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, अस्पताल निगरानी राज्य नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. के दास, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, एचएमएससीएल के प्रबन्धन निदेशक डॉ साकेत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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