पानीपत टोल पर धरनारत किसानों से भी की मुलाकात
कहा- नमी, रेजिस्ट्रेशन व सर्वर डाउन के नाम पर किसानों
को परेशान ना करे सरकार
मंडियों में नहीं हो रही खरीद, उठान और पेमेंट-
हुड्डा
सरकार ने डीएपी का रेट बढ़ाकर खेती पर गहरी चोट मारने का किया काम- हुड्डा
खाद, बीज, बिजली, दवाई, पेट्रोल-डीजल व जीएसटी के नाम पर किसान से मोटी वसूली कर रही है सरकार- हुड्डा
इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा एकबार फिर पानीपत टोल पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने किसानों के हौसले और अनुशासन की सराहना की। उन्होंने दोहराया कि किसान इस आंदोलन का नेता है और वो उसके संघर्ष में हमेशा साथ खड़े रहेंगे। हुड्डा ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों की आय डबल करने का झूठा नारा देकर सरकार लगातार उसकी लागत बढ़ाने में लगी है। इसी के तरह सरकार ने डीएपी खाद का रेट 700 रुपये बढ़ाने का फैसला लिया है। पहले से पेट्रोल-डीजल के रेट में बेतहाशा बढ़ोत्तरी झेल रहे किसान की लागत कई हज़ार रुपये बढ़ना तय है। ये इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी सरकार ने डीएपी के दाम में इतनी बड़ी बढ़ोत्तरी की है। सरकार को इसे फौरन वापिस लेना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार किसान से खाद, बीज, बिजली, दवाई, पेट्रोल-डीजल और कृषि यंत्रों पर जीएसटी के नाम पर मोटी वसूली कर रही है। लेकिन किसान को उचित एमएसपी और एमएसपी का कानून देने के नाम पर सरकार चुप्पी साध लेती है।
इससे पहले हुड्डा ने करनाल मंडी के साथ कुरुक्षेत्र की लाडवा, बबैन और थानेसर मंडियों का भी दौरा किया। इस मौके पर आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी उनसे मुलाकात की। आढ़तियों ने बताया कि सरकार ने उन्हें पेमेंट के फैसले को किसानों पर छोड़ने का आश्वासन दिया था। सरकार ने कहा था कि ये किसान की मर्जी होगी कि वो आढ़ती के जरिए पेमेंटे लेना चाहता है या सीधे अपने खाते में लेना चाहता है। लेकिन अब सरकार अपने फैसले से मुकर रही है। आढ़तियों की मांग है कि सरकार अपने आश्वासन पर कायम रहे और पेमेंट को लेकर मनमानी ना करे।